डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने से भारत में किन क्षेत्रों पर पड़ सकता है असर?
क्या है खबर?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत कई देशों पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी है। ट्रंप अपने चुनावी अभियान के दौरान भी भारत को 'टैरिफ किंग' बताकर टैरिफ बढ़ाने का वादा कर चुके हैं।
अपने पहले कार्यकाल के दौरान ट्रंप ने भारत के स्टील और एल्यूमीनियम निर्यात को निशाना बनाया था। अब अगर ट्रंप टैरिफ बढाते हैं तो भारत के कई उद्योगों पर असर पड़ सकता है।
आइए जानते हैं टैरिफ बढ़ने का किन क्षेत्रों पर असर पड़ेगा।
दर
कितना बढ़ सकता है टैरिफ?
फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार, नए अमेरिकी वित्त सचिव स्कॉट बेसेंट सभी सामानों पर 2.5 प्रतिशत टैरिफ लगाने की योजना बना रहे हैं। लेकिन इसके उलट ट्रंप इससे ज्यादा टैरिफ लगा सकते हैं।
हाल ही में ट्रंप ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि वे 2.5 प्रतिशत से 'बहुत बड़ी' टैरिफ दर चाहते हैं।
टैरिफ बढ़ने से भारत के अमेरिका को शीर्ष निर्यात जैसे फार्मास्यूटिकल उत्पाद, रत्न और आभूषण और समुद्री उत्पाद पर गंभीर असर पड़ सकता है।
फार्मा क्षेत्र
फार्मा क्षेत्र होगा सबसे ज्यादा प्रभावित
आंकड़े बताते हैं कि 'फाइनल गुड्स' श्रेणी में भारत का अमेरिका के साथ करीब 2 लाख करोड़ रुपये का सबसे बड़ा क्षेत्रीय व्यापार अधिशेष है। ये अमेरिका के साथ भारत के कुल व्यापार अधिशेष का 79.3 प्रतिशत है।
इस श्रेणी में सबसे बड़ा हिस्सा फार्मास्युटिकल और रत्न-आभूषणों का है।
2023 में भारत द्वारा अमेरिका को निर्यात की गई फाइनल गुड्स वस्तुओं में फार्मास्युटिकल उत्पादों की हिस्सेदारी 21.9 प्रतिशत, कीमती धातुओं की 9.6 प्रतिशत और समुद्री उत्पाद की 6.6 प्रतिशत थी।
बयान
क्या कह रहे हैं जानकार?
थिंक टैंक रिसर्च एंड इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर डेवलपिंग कंट्रीज (RIS) ने एक रिपोर्ट में कहा, "नई व्यवस्था चुनिंदा उच्च मूल्य वाली वस्तुओं को प्रभावित कर सकती है, खासतौर पर फार्मास्यूटिकल्स, मत्स्य पालन और आभूषण को। अगर व्यापार प्रतिबंध व्यापक दृष्टिकोण अपनाते हैं तो रासायनिक उत्पाद, वस्त्र और लकड़ी के गूदे जैसी वस्तुएं भी जांच के दायरे में आ सकती हैं। अगर उत्पादों पर टैरिफ बढ़ता है तो फार्मास्यूटिकल्स, मत्स्य पालन, रत्न-आभूषण क्षेत्रों से निर्यात पर असर पड़ने की संभावना है।"
व्यापार
भारत-अमेरिका के बीच कितना व्यापार होता है?
2023 में भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 10 लाख करोड़ रुपये का था।
पिछले 10 सालों में अमेरिका के साथ भारत का माल व्यापार अधिशेष 1.40 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 3 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
इस दौरान अमेरिका को भारत का निर्यात 3.38 लाख करोड़ रुपये से लगभग दोगुना होकर 6.71 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
फिलहाल भारत सबसे ज्यादा माल अमेरिका को निर्यात करता है। कुल भारतीय निर्यात का 17.73 प्रतिशत अमेरिका को होता है।