हरियाणा: पलवल जिले में तेज बुखार से 10 से अधिक बच्चों की मौत, चिकित्सा टीम रवाना
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में रहस्यमयी बुखार और डेंगू का कहर पूरी तरह थमा भी नहीं कि अब हरियाणा के पलवल जिले में भी इस बुखार के कारण 10 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है। इससे चिकित्सा विभाग के अधिकारी सकते में आ गए हैं और चिकित्सा टीमों को प्रभावित गांवों में भेजा गया है। तेज बुखार का सबसे अधिक प्रकोप हथीन के चिल्ली गांव में है। चिकित्सा टीम बुखार के कारणों की जांच में जुटी है।
गांव में 25 अगस्त से हो रही है मौतें- ग्रामीण
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, चिल्ली के ग्रामीणों ने कहा, "रहस्यमयी बुखार और डेंगू से 10 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। गांव में मौतों का सिलसिला 25 अगस्त से जारी है। मृतकों में ज्यादातर 3-12 साल के बच्चे हैं।" उन्होंने कहा, "गांव के हर घर में बच्चे और कुछ वयस्क बीमारी से पीड़ित हैं। हाल ही के कुछ दौरों को छोड़कर पूर्व में चिकित्सा विभाग की कोई टीम गांव में नहीं आई थी। गांव में हर कोई डरा हुआ है।"
जांच के लिए एकत्र किए जा रहे हैं सैंपल- डॉ कुमार
हथीन के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ विजय कुमार ने कहा, "हमें चिल्ली गांव में बुखार के कुछ मामले और एक-दो मौतों की सूचना मिली थी। इसके बाद चिकित्सा टीम को भेजा गया है। टीम गांव के हर घर का दौरा कर बीमारों को दवाइयां उपलब्ध करा रही है।" उन्होंने कहा, "गांव में मच्छरों से निजात पाने के लिए छिड़काव कराया जा रहा है। इसी तरह कोरोना, डेंगू और मलेरिया की जांच के लिए सैंपल एकत्र किए जा रहे हैं।"
डेंगू से हुई पांच बच्चों की मौत- डॉ कुमार
डॉ कुमार ने कहा, "गांव में 80 लोगों के सैंपल लिए हैं। इनमें से किसी के भी मलेरिया की पुष्टि नहीं हुई। हालांकि, पांच बच्चों की डेंगू से मौत होना सामने आया है और कई बच्चे डेंगू से जूझ रहे हैं।" उन्होंने कहा, " चिल्ली गांव में बुखार को फैलने से रोकने के प्रयास जोरों पर हैं। लोगों को डेंगू और मलेरिया को नियंत्रित करने के तरीकों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। जल्द ही राहत मिल जाएगी।"
पिछले 15 दिनों से सामने आ रहे हैं बुखार के मामले- सरपंच
सरपंच नरेश कुमार ने कहा कि पिछले 15 दिनों से बुखार के मामले सामने आ रहे हैं और दूषित पानी इसका कारण है। हालांकि, जांच में मलेरिया का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन चिकित्सा विभाग की टीम डेंगू के कारण मौत होना बता रही है। इसी तरह कुछ मौतें तेज बुखार के कारण भी हुई है। उन्होंने कहा कि इस गांव में कोई स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। वर्तमान में चिकित्सा टीम घर-घर जाकर उपचार करने में जुटी है।
केंद्र सरकार ने राज्यों को दिए सतर्कता बरतने के निर्देश
इधर, केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोरोना महामारी से सुरक्षा के लिए सतर्कता बरतते हुए डेंगू जैसी वेक्टर जनित बीमारियों को रोकने और नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि कई राज्यों में वायरल बुखार के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में सरकारों को संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए कीट विज्ञान निगरानी और वेक्टर नियंत्रण उपायों लागू करने चाहिए।
उत्तर प्रदेश में बुखार से हो चुकी है दर्जनों बच्चों की मौत
हरियाणा से पहले उत्तर प्रदेश के लखनऊ, फिरोजाबाद, मथुरा और आगरा जिलों में भी तेज बुखार और डेंगू के कारण 60 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है। हालांकि, चिकित्सा विभाग की कार्रवाई के बाद अब मामलों में थोड़ी गिरावट आई, लेकिन ग्रामीणों ने अभी भी बुखार को लेकर भय बना हुआ है। इसी तरह मध्य प्रदेश के इंदौर में भी बुखार और डेंगू के कई मामले सामने आ चुके हैं। इससे लोगों में भय बना हुआ है।