पुलवामा का बदला: ऐसे तैयार हुई थी आतंकी ठिकानों को तहस-नहस करने की योजना
पुलवामा हमले के अगले दिन ही भारत ने आतंकियों को मुहंतोड़ जवाब देने की योजना तैयार कर ली थी, जिसे मंगलवार को अंजाम दिया गया। जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ने 14 फरवरी को CRPF के काफिले को निशाना बनाया था। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले के अगले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय सुरक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता की थी। उन्होंने कहा था कि सुरक्षाबलों को बदला लेने की खुली छूट दे दी गई है।
ऐसे तैयार हुई एयर स्ट्राइक की योजना
पुलवामा हमले से अगले दिन यानी 15 फरवरी को भारतीय वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने सरकार के सामने आतंकी ठिकानों को वायुसेना के विमानों से निशाना बनाने की योजना पेश की। सरकार ने इस योजना को हरी झंडी दिखा दी। इससे अगले दिन 16 फरवरी को वायुसेना ने भारतीय सेना के साथ मिलकर नियंत्रण रेखा (LoC) के पास सर्विलांस अभियान चलाया। 20-22 फरवरी के बीच सेना और वायुसेना ने नियंत्रण रेखा के पास सर्विलांस अभियान चलाया।
24 फरवरी को किया गया ट्रायल
21 फरवरी को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोवाल को एयर स्ट्राइक में निशाना बनाए जाने वाले ठिकानों के बारे में जानकारी दी गई। इससे अगले दिन वायुसेना की टाइगर्स और बैटल एक्सेस स्क्वाड्रन ने स्ट्राइक की तैयारी शुरू की। इसके लिए 12 मिराज 2000 को तैनात किया गया। 24 फरवरी को मध्य भारत में इसका ट्रायल रन किया गया। इस ट्रायल में भठिंडा और आगरा से भी एक-एक जेट ने भाग लिया।
25 की रात को शुरू हुआ आतंकी ठिकानों को तबाह करने का मिशन
इस मिशन की शुरुआत 25 फरवरी की रात को हुई। मिशन को अंजाम देने के लिए ग्वालियर से लेजर गाइडेड बम से लैस 12 मिराज 2000 विमानों ने उड़ान भरी। इनके साथ भठिंडा से 'अर्ली-वार्निंग' जेट और आगरा से 'मिड-एयर रिफ्यूलिंग' जेट ने उड़ान भरी। पायलटों ने टारगेट को निशाना बनाने से पहले उनका जायजा लिया और कम ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए टारगेट को निशाना बनाया। इस मिशन को सुबह 03:20 से 03:30 बजे के बीच अंजाम दिया गया।
जैश का सबसे बड़ा कैंप ध्वस्त
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले का बदला लेते हुए भारत ने बालाकोट स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े कैंप को ध्वस्त कर दिया है। मिराज 2000 विमानों ने इन कैंपों पर 1,000 किलोग्राम बम गिराए। कहा जा रहा है कि इस कार्रवाई में 200-300 आतंकी मारे गए हैं। भारत सरकार ने इस कार्रवाई को पूर्व नियोजित असैन्य अभियान बताया है। विदेश सचिव ने कहा कि इसमें जैश-ए-मोहम्मद के कई बड़े कमांडर, ट्रेनर और जिहादी मारे गए हैं।