ब्रिटेन ने दी माल्या के प्रत्यर्पण की मंजूरी, लेकिन भारत लाने में लग सकता है समय
करोड़ों रुपये का कर्ज लेकर ब्रिटेन भागे शराब कारोबारी विजय माल्या के मामले में सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है। ब्रिटेन के गृहमंत्री साजिद जावीद ने माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया है। इसे भारत सरकार के लिए बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, माल्या ने अपने प्रत्यर्पण के आदेश को चुनौती देने की बात कही है। माल्या अब इस फैसले के खिलाफ कोर्ट ऑफ अपील (भारत में हाईकोर्ट) में अपील कर सकता है।
क्या रही यह पूरी प्रक्रिया?
बैंकों से कर्ज लेकर माल्या साल 2016 से ब्रिटेन में रह रहा है। दिसंबर, 2018 में लंदन की एक निचली अदालत ने माल्या को भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दी थी। इस मंजूरी के बाद ब्रिटेन के गृह मंत्रालय को माल्या के प्रत्यर्पण पर फैसला लेना था। अब यह फैसला लिया गया है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि गृह मंत्री ने सभी मामलों को देखने के बाद तीन फरवरी को इस फैसले पर हस्ताक्षर किए हैं।
भारत सरकार ने किया फैसले का स्वागत
माल्या के खिलाफ आए इस फैसले को भारत सरकार बड़ी उपलब्धि के तौर पर देख रही है। अरुण जेटली ने माल्या के भारत आने की खबर को ममता बनर्जी के धरने से जोड़कर ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा कि मोदी सरकार माल्या को भारत लाने के रास्ते में एक और कदम आगे बढ़ चुकी है। जबकि दूसरी तरफ शारदा चिटफंड के घोटालेबाजों को बचाने के लिए विपक्ष लामबंदी कर रहा है।
माल्या के बहाने विपक्ष पर निशाना
फैसले के खिलाफ अपील करेगा माल्या
ब्रिटेन के गृह मंत्रालय के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए माल्या ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की जाएगी। माल्या ने ट्विटर पर लिखा, '10 दिसंबर, 2018 के वेस्टमिंस्टर कोर्ट के निर्णय के बाद ही मैंने अपील की मंशा जाहिर की थी। होम सेक्रेटरी के निर्णय से पहले मैं अपील की प्रक्रिया की शुरुआत नहीं कर पाया। अब मैं अपील की प्रक्रिया शुरू करूंगा।'
फैसले के खिलाफ अपील करेगा माल्या
माल्या के पास अब क्या विकल्प?
माल्या के पास इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए 14 दिन का समय है। इस दौरान माल्या अपील ऑफ कोर्ट में अपील कर सकता है। अगर यहां से उसकी अपील खारिज होती है तो उसके पास सुप्रीम कोर्ट में जाने का विकल्प बचा रहेगा। माना जा रहा है कि इस पूरी प्रक्रिया में दो साल से ज्यादा का समय लग सकता है। इस समय के दौरान माल्या को भारत नहीं लाया जा सकता।
कितना कर्जदार है विजय माल्या
विजय माल्या पर अलग-अलग बैंकों का कुल 9,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है। इसमें सबसे ज्यादा भारतीय स्टेट बैंक का 1,600 करोड़ का कर्ज है। माल्या के खिलाफ 17 बैंकों के कंसोर्टियम ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दाखिल की थी।
माल्या ने बैंको को दिया था कर्ज लौटाने का ऑफर
कुछ दिन पहले माल्या ने ट्वीट कर बैंकों का मूलधन लौटाने का ऑफर दिया था। माल्या ने कहा था कि वह भारतीय बैंकों का कर्ज चुकाने को तैयार है, लेकिन ब्याज नहीं दे सकता। माल्या ने बैंकों का 100 प्रतिशत मूलधन वापस करने का प्रस्ताव देते हुए कहा था कि सारे बैंक कृपया इस प्रस्ताव को स्वीकार करें। उसने ईंधन के दामों में बढ़ोतरी को किंगफिशर एयरलाइंस के घाटे में जाने की वजह बताई थी।