गुजरात दंगे: सुप्रीम कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को दी अंतरिम जमानत
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों से संबंधित मामले में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को अंतरिम जमानत दे दी है। उन पर तत्कालीन भाजपा सरकार को गिराने की साजिश में शामिल होने का आरोप है।
सीतलवाड़ को जमानत देते हुए कोर्ट ने उनसे जांच में पूरा सहयोग करने को कहा। कोर्ट ने हाई कोर्ट के सामान्य जमानत पर सुनवाई करने तक उनसे पासपोर्ट जमा करने को भी कहा है।
मामले में कपिल सिब्बल ने कोर्ट में सीतलवाड़ का पक्ष रखा।
फैसला
फैसले का हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई पर नहीं पड़ेगा असर- सुप्रीम कोर्ट
सीतलवाड़ पहले जमानत के लिए हाई कोर्ट गई थीं, लेकिन उसने 3 अगस्त को मामले को छह हफ्ते तक टाल दिया। आज सीतलवाड़ को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे सही नहीं माना।
बेंच ने कहा कि उसने केवल इस नजरिए से सुनवाई की है कि हाई कोर्ट में जमानत की सुनवाई पूरी होने तक याचिकाकर्ता को कस्टडी में रखा जाए या नहीं और इसका हाई कोर्ट में सुनवाई पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
गिरफ्तारी
जून में गिरफ्तार की गई थीं सीतलवाड़
तीस्ता सीतलवाड़ को जून में गिरफ्तार किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के गुजरात दंगों के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने के एक दिन बाद पुलिस ने सीतलवाड़ और पूर्व IPS अधिकारी आरबी श्रीकुमार को गिरफ्तार किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सीतलवाड़ और श्रीकुमार के मंसूबों पर सवाल उठाए थे, जिसके बाद उनके खिलाफ ये कार्रवाई की गई थी।
उनकी गिरफ्तारी की तीखी आलोचना भी हुई थी।
आरोप
सीतलवाड़ पर क्या आरोप हैं?
सीतलवाड़ पर सबसे मुख्य आरोप है कि वह 2002 गुजरात दंगों के बाद कांग्रेस के दिवंगत नेता अहमद पटेल द्वारा रची गई तत्कालीन भाजपा सरकार को गिराने की साजिश का हिस्सा थीं। उन पर कुछ लोगों को गलत मामलों में फंसाने के लिए कांग्रेस से वित्तीय मदद लेने का आरोप भी है।
उन पर यह भी आरोप है कि निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए उन्होंने फर्जी रिकॉर्ड और सबूत तैयार किए और आपराधिक साजिश की।
परिचय
कौन हैं तीस्ता सीतलवाड़?
तीस्ता सीतलवाड़ एक समाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार हैं। वह सिटिजन फॉर जस्टिस एंड पीस (CJP) संगठन की भी सचिव हैं।
यह संगठन 2002 में गुजरात में सांप्रदायिक दंगे के पीड़ितों के लिए न्याय लड़ने के लिए स्थापित किया गया था।
CJP एक सह-याचिकाकर्ता है जो दंगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 62 अन्य सरकारी अधिकारियों की सहभागिता के लिए आपराधिक मुकदमे की मांग कर चुकी है।
अमित शाह ने कांग्रेस पर सीतलवाड़ की मदद का आरोप लगाया था।
गुजरात दंगे
न्यूजबाइट्स प्लस
देश के सबसे भीषण दंगों में शामिल गुजरात दंगों की चिंगारी गोधरा में 27 फरवरी, 2002 को साबरमती ट्रेन के डिब्बों में आग लगने से भड़की थी। इस आग में अयोध्या से कारसेवा करके लौट रहे 59 हिंदू मारे गए थे।
घटना के बाद अहमदाबाद और उसके आसपास के इलाकों में मुस्लिम विरोधी हिंसा भड़क गई थी। ये दंगे दो-तीन दिन तक चले थे और इनमें 1,000 से अधिक लोग मारे गए थे। मरने वालों में अधिकांश मुस्लिम थे।