हिजाब विवाद: कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुनवाई करने को तैयार हुआ सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट हिजाब विवाद पर सुनवाई करने को तैयार हो गया है। वह मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ डाली गई याचिकाओं पर अगले हफ्ते सुनवाई करेगा। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण की दलीलें सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह फैसला लिया। भूषण ने कहा कि मार्च में याचिका दायर की गई थी, लेकिन अभी तक इस पर सुनवाई नहीं हुई है।
दो बार तत्काल सुनवाई की याचिकाओं को खारिज कर चुका है सुप्रीम कोर्ट
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट मार्च में दो बार हिजाब विवाद पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर चुका है। तब कक्षाओं के अंदर हिजाब पर प्रतिबंध लगाने वाले कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ डाली गई याचिकाओं पर टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के वकील को मुद्दे को सनसनीखेज न बनाने की नसीहत दी थी। कोर्ट याचिकाओं को होली के बाद सूचीबद्ध करने के लिए तैयार हो गया था, लेकिन अब तक ऐसा नहीं किया गया।
क्या है हिजाब विवाद?
कर्नाटक में हिजाब विवाद की शुरूआत 28 दिसंबर को उडुपी के पीयू कालेज में छह छात्राओं को हिजाब पहनने पर कक्षाओं में प्रवेश न देने से हुई थी। छात्राओं ने इसके खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया और हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी। कई हिंदू छात्रों के विरोध में उतरने पर यह विवाद दूसरे जिलों में भी फैल गया। 9 फरवरी को हाई कोर्ट ने मामले को तीन जजों वाली बड़ी बेंच को रेफर कर दिया था।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने क्या आदेश दिया था?
15 मार्च को सुनाए गए अपने फैसले में कर्नाटक हाई कोर्ट ने मुस्लिम छात्राओं को कक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा था कि हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है। कोर्ट ने कहा था कि स्कूल यूनिफॉर्म एक उचित पाबंदी है और छात्राएं इस पर आपत्ति नहीं उठा सकतीं।
विवाद के कारण छात्राओं को करना पड़ा कई समस्याओं का सामना
इस पूरे विवाद के कारण मुस्लिम छात्राओं को बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ा था। कई जगह पर हिंदू छात्र उनके विरोध में उतर आए और भगवान स्कार्फ और पगड़ी पहनकर स्कूल आने लगे। कुछ स्कूलों में मुस्लिम छात्राओं और हिंदू छात्रों के बीच कहासुनी की घटनाएं भी देखने को मिलीं। छोटी बच्चियों से लेकर मुस्लिम शिक्षकों तक को स्कूल के गेट पर ही हिजाब उतारने को मजबूर करने के वीडियो भी सामने आए थे।