हाथरस गैंगरेप मामला: परिजनों के विरोध के बावजूद पुलिस ने जबरदस्ती किया पीड़िता का अंतिम संस्कार
हाथरस गैंगरेप मामले में पहले से ही तमाम आलोचनाओं का सामना कर रही उत्तर प्रदेश पुलिस ने आज सुबह 2:30 बजे जल्दबाजी में पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया और उसके परिजनों को शव को अंतिम बार घर भी नहीं ले जाने दिया। आरोप है कि पीड़िता के शव को घर ले जाने की मांग कर रहे परिजनों को पुलिस ने घर में बंद कर दिया और खुद जाकर शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
14 सितंबर को उच्च जाति के युवकों ने किया था गैंगरेप, कल हुई मौत
हाथरस के चंदपा थाने के अंतर्गत आने वाले एक गांव की रहने वाली 19 वर्षीय पीड़िता का उच्च जाति से संबंध रखने वाले चार युवकों ने 14 सितंबर को गैंगरेप किया था। हमले में दलित समुदाय से संबंध रखने वाली पीड़िता की रीढ़ की हड्डी टूट गई थी और उसकी जीभ भी कट गई थी। लगभग दो हफ्ते तक जीवन के लिए संघर्ष करने के बाद उसने कल दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था।
अंतिम संस्कार के लिए रात को ही शव लेकर गांव पहुंची पुलिस
पुलिस मंगलवार रात को ही पीड़िता के शव को लेकर उसके गांव के लिए रवाना हो गए और गांव पहुंचने पर पीड़िता के परिजनों पर रात को ही अंतिम संस्कार करने का दबाव डाला। परिजनों ने इससे इनकार करते हुए कहा कि उनकी परंपरा में रात को अंतिम संस्कार नहीं किया जाता। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से शव को अंतिम बार घर ले जाने और सुबह अंतिम संस्कार करने का अनुरोध किया।
परिजनों की लाख मिन्नतों के बावजूद नहीं मानें पुलिस अधिकारी
हालांकि पुलिस अधिकारी रात को ही अंतिम संस्कार पर अड़े रहे। इसके विरोध में परिजनों ने एबुंलेंस का रास्ता रोकने की कोशिश की और पीड़िता की मां सड़क पर छाती पीट-पीटकर रोने लगी। मौके पर पहुंचे कुछ ग्रामीणों ने भी शव का रात में अंतिम संस्कार न करने देने की बात कही। परिजनों ने जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्सर से भी पीड़िता के शव को अंतिम बार घर ले जाने की अनुमति मांगी, लेकिन यहां भी उनके हाथ निराशा लगी।
बिना किसी को सूचित कर पुलिस ने किया अंतिम संस्कार
अंत में पुलिस ने सभी परिजनों को उनके घर में बंद कर दिया और रात लगभग 2:30 बजे बिना किसी को बताए शव का अंतिम संस्कार कर दिया। यही नहीं पुलिसकर्मियों ने एक मानव श्रृंखला बनाकर ग्रामीणों और मीडिया को भी अंतिम संस्कार के समय श्मशान घाट से दूर रखा। जब पत्रकारों ने श्मशान घाट में एक शव जलते देखा और इस बारे में अधिकारियों से पूछा तो उन्होंने क्या जल रहा है, इसकी जानकारी देने से इनकार कर दिया।
परिजनों ने कहा- प्रशासन डाल रहा दबाव, हो न्यायिक जांच
पूरे घटनाक्रम के कई वीडियो भी सामने आए हैं जिनमें परिजनों को अधिकारियों से शव के अंतिम बार घर ले जाने की मिन्नतें करते हुए देखा जा सकता है। समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए दोषियों को लटकाने के साथ-साथ परिवार को सुरक्षा प्रदान करने की मांग भी की है। उन्होंने कहा कि प्रशासन उन पर दबाव बना रहा है और उन्हें स्थानीय पुलिस पर भरोसा नहीं है। उन्होंने न्यायिक जांच की मांग की है।
पुलिस ने कहा- परिजनों की मौजूदगी में हुआ अंतिम संस्कार
हाथरस पुलिस ने जबरदस्ती और बिना परिजनों की जानकारी के पीड़िता का अंतिम संस्कार करने के आरोपों को खारिज किया है। पुलिस के अनुसार, अंतिम संस्कार परिजनों की मौजूदगी में किया गया। हालांकि घटनाक्रम के वीडियो पुलिस की इस बात को झूठी साबित करते हैं।
पुलिस के रवैये पर गंभीर सवाल खड़ा करते हैं मौके से आए वीडियो
प्रधानमंत्री ने की योगी आदित्यनाथ से बातचीत
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मामले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत की है। योगी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने हाथरस की घटना पर वार्ता की और दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई का निर्देश दिया। उन्होंने खुद भी दोषी के खिलाफ कार्रवाई की बात कहते हुए मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) के गठन का ऐलान किया। SIT सात दिन में अपनी रिपोर्ट देगी।