सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट के न्यायाधीश की टिप्पणी पर लिया संज्ञान, मांगी रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश की मुस्लिम इलाके को पाकिस्तान कहने वाली टिप्पणी का स्वत: संज्ञान लिया है। इसको मामले में शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई में 5 सदस्यीय पीठ ने सुनवाई करते हुए सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हाई कोर्ट न्यायाधीश की टिप्पणी की वीडियो क्लिप को लेकर हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कहा कि यह पूरी तरह अनावश्यक टिप्पणी है।
हाई कोर्ट के न्यायाधीश ने क्या की टिप्पणी?
कर्नाटक हाई कोर्ट के न्यायाधीश वेदव्यासचार श्रीशानंद ने बेंगलुरु के मुस्लिम बहुल इलाके मैसूर रोड फ्लाईओवर की ओर बेतरतीब ट्रैफिक पर नाराजगी जताते हुए कहा था, "आप मैसूर रोड फ्लाईओवर की तरफ जाइए। हर ऑटो रिक्शा में 10 लोग होते हैं। कानून वहां लागू नहीं होता क्योंकि मैसूर फ्लाईओवर से होकर गोरी पाल्या बाजार का रास्ता पाकिस्तान में है, भारत में नहीं। यह सच्चाई है। चाहे आप वहां कितने भी सख्त पुलिस अधिकारी रखें, उन्हें वहां पीटा जाता है।"
यहां देखें टिप्पणी का वीडियो
वायरल हो रहा है न्यायाधीश की इस टिप्पणी का वीडियो
कर्नाटक हाई कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई की एक क्लिप अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें न्यायाधीश को अंग्रेजी और कन्नड़ भाषा में मामले में टिप्पणी करते हुए सुना जा सकता है। न्यायाधीश की इस टिप्पणी पर तरह-तहर की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इतना ही नहीं कुछ लोगों ने कोर्ट के अंदर की टिप्पणी के बाहर आने पर नाराजगी जताते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई बंद करने की मांग भी की है।
सुप्रीम कोर्ट ने लिया मामले पर संज्ञान
सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले पर संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "हम 5 जजों के साथ इसलिए आए हैं क्योंकि हमारा ध्यान कर्नाटक हाई कोर्ट के जज द्वारा सुनवाई के दौरान की गई कुछ अनावश्यक टिप्पणियों के बारे में कुछ वीडियो क्लिप की ओर गया है।" कोर्ट ने कहा, "हम हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से कहेंगे कि वे हमें एक रिपोर्ट भेजें और शायद आपकी सहायता से सुनवाई के दौरान टिप्पणियों पर कुछ दिशा-निर्देश निर्धारित करें।"
"किया न्यायालय की सहायता का अनुरोध"
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा, "हमने भारत के विद्वान अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल से इस न्यायालय की सहायता करने का अनुरोध किया है। इस स्तर पर हम हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से अनुरोध करते हैं कि वे मुख्य न्यायाधीश से प्रशासनिक निर्देश प्राप्त करने के बाद इस अदालत को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यह अभ्यास अगले दो दिनों में किया जा सकता है और इस बीच रिपोर्ट इस अदालत के महासचिव को सौंपी जा सकती है।"