#NewsBytesExplainer: इजरायल-लेबनान के बीच दोबारा भड़कते युद्ध का भारत पर क्या होगा असर?
पहले से ही युद्धरत पश्चिम एशिया में तनाव फिर से बढ़ने लगा है। लेबनान में हिज्बुल्लाह के लड़ाकों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे पेजर और वॉकी-टॉकी में धमाकों में कई लोग मारे गए हैं और हजारों घायल हुए हैं। लेबनान ने इसका आरोप इजरायल पर लगाया है और बदला लेने की कसम खाई है। इसके बाद आशंका है कि संघर्ष और भड़क सकता है। आइए जानते हैं इसका भारत पर क्या असर हो सकता है।
कैसे हुई शुरुआत?
17 सितंबर को लेबनान में अचानक से पेजर में धमाके होने लगे। इसमें 20 लोगों की मौत हो गई और 2,500 से ज्यादा घायल हो गए। इसके एक दिन बाद यानी 18 सितंबर को वॉकी-टॉकी और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में विस्फोट होने से 14 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हुए। हिज्बुल्लाह ने इसका आरोप इजरायल पर लगाया है। इजरायल ने अभी तक न तो अपनी भूमिका को नकारा है, न स्वीकार किया है।
और भड़केगा युद्ध?
इसकी पूरी संभावना है कि युद्ध और भड़क सकता है। पेजर धमाकों के बाद अपने पहले भाषण में हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह ने कहा कि ये हमले एक आतंकवादी कृत्य थे और लेबनान और उसके लोगों के खिलाफ युद्ध की घोषणा थी। नसरल्लाह ने कहा, "हम इस आघात से टूट नहीं सकते, चाहे यह कितना भी बड़ा या शक्तिशाली क्यों न हो। ये सीखने के लिए सबक है और हिज्बुल्लाह और अधिक मजबूत बनेगा।"
इजरायल क्या कर रहा है?
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बयान में संकेत दिए हैं कि हिजबुल्लाह को इजरायली ठिकानों पर गोलीबारी बंद करवाने के लिए सैन्य अभियान का विस्तार किया जा सकता है। इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने भी कहा है कि इजरायल के उत्तरी समुदायों की उनके घरों में वापसी सुनिश्चित करने का एकमात्र तरीका सैन्य कार्रवाई के माध्यम से होगा। यहां उत्तरी समुदाय से आशय लेबनान से सटे इलाकों से है।
हमास के बाद हिज्बुल्लाह पर इजरायल का ध्यान
इजरायल का मानना है कि उसने गाजा पट्टी में हमास की सुरंगों, सुरक्षित ठिकानों और हथियारों को नष्ट कर दिया है। ऐसे में उसका ध्यान अब उत्तर में हिज्बुल्लाह की तरफ है। इजरायल ने उत्तरी सीमा पर तैनाती बढ़ाई है। गैलेंट ने इजरायली वायु सेना से कहा है कि युद्ध का केंद्र अब उत्तर की ओर बढ़ रहा है और हम बलों और संसाधनों को उत्तर की ओर मोड़ रहे हैं।
हिज्बुल्लाह के खिलाफ क्या-क्या कार्रवाई कर रहा है इजरायल?
30 जुलाई को बेरूत में इजरायली हवाई हमले में हिज्बुल्लाह कमांडर फुआद शुक्र की मौत हो गई थी। कहा जाता है कि गोलान हाइट्स में हुए रॉकेट हमले के पीछे फुआद ही था, जिसमें 12 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद इजरायल ने हिजबुल्लाह द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले संचार उपकरणों को निशाना बनाया है। 20 सितंबर को इजरायल ने लेबनान पर हवाई हमले कर हिज्बुल्लाह के सैकड़ों रॉकेट लॉन्चर तबाह करने का दावा किया है।
भारत के लिए क्या है चिंता की बात?
अभी तक ये युद्ध इजरायल-हमास के बीच था। भारत इजरायल और फिलिस्तीन को लेकर सावधानी से अपना पक्ष सामने रखता रहा है। भारत ने इजरायल पर हुए हमले को आतंकवादी कृत्य बताया था तो फिलिस्तीन की स्वतंत्रता की बात भी दोहराई थी। हालांकि, अब लेबनान और इजरायल का युद्ध होता है तो इसमें ईरान और अमेरिका के शामिल होने की आशंका है। ऐसे में भारत के लिए कूटनीतिक स्तर पर अधिक बड़ी चुनौती होगी।
भारत के लिए क्या-क्या दांव पर है?
मध्य-पूर्व में करीब 90 लाख भारतीय कामगार रहते हैं। ये भारत की विदेशी आय का भी बड़ा जरिया है। ऐसे में इनकी सुरक्षा पर संकट भारत के लिए सबसे बड़ी चिंता होगी। भारत का लगभग दो-तिहाई कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस पश्चिम एशियाई देशों से आता है। युद्ध होने की स्थिति में कच्चे तेल की कीमत और आपूर्ति में बदलाव का असर भारत पर भी होगा। हालांकि, भारत ने अभी तक स्थिति पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।