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    सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के पास भेजा हेट स्पीच मामला, कहा- शुक्रवार को करें सुनवाई

    सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के पास भेजा हेट स्पीच मामला, कहा- शुक्रवार को करें सुनवाई
    लेखन भारत शर्मा
    Mar 04, 2020, 06:17 pm 1 मिनट में पढ़ें
    सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के पास भेजा हेट स्पीच मामला, कहा- शुक्रवार को करें सुनवाई

    सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भाजपा नेता अनुराग ठाकुर, कपिल मिश्रा और परवेश वर्मा के खिलाफ हेट स्पीच में मामला दर्ज कर कार्रवाई कराने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मामले को फिर से हाईकोर्ट के पास भेज दिया। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े और न्यायाधीश बीआर गवई की खंडपीठ ने हाईकोर्ट को शुक्रवार यानी 6 मार्च को याचिकाओं पर सुनवाई करने को कहा है। उन्होंने कहा कि वह हाईकोर्ट के मामले को अपने अधिकार में नहीं लेना चाहते हैं।

    सुप्रीम कोर्ट ने लंबी तारीख पर की टिप्पणी

    सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा मामले की सुनवाई एक महीने से अधिक समय तक टालने पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इस तरह के मामलों में लंबा समय दिया जाना ठीक नहीं है। ऐसे में हाईकोर्ट शुक्रवार को ही मामले की सुनवाई करे।

    एक बयान के चलते नहीं हो सकती इतनी बड़ी हिंसा

    केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर मेहता ने उस दावे का भी विरोध किया, जिसमें कहा जा रहा है कि भाजपा नेता कपिल मिश्रा के बयान के कारण ही दिल्ली में हिंसा की आग भड़की थी। जिसमें 46 लोगों की मौत हो गई और 250 से अधिक घायल हो गए। उन्होंने कहा कि यह मानना असंभव है कि महज एक बयान के कारण इतनी बड़ी हिंसा हुई होगी। उन्होंने कहा कि हिंसा के सभी कारणों की जांच होनी चाहिए।

    पुलिस तय करें कि कब दर्ज किया जाए मामला

    सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि नफरत फैलाने वाले बयान और भाषणों को लेकर पुलिस को तय करने दिया जाए कि मामला कब दर्ज किया जाए। पुलिस भाषण और बयान सुनकर मामला दर्ज करने का निर्णय कर सकेगी।

    सॉलिसिटर मेहता और गोंजाल्विस के बीच हुई जिरह

    सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर मेहता और याचिकाकर्ताओं के वकील गोंजाल्विस के बीज जमकर जिहर हुई। गोंजाल्विस ने कहा कि भाजपा नेता कपिल मिश्रा और प्रवेश वर्मा के भड़काऊ बयानों के कारण ही दिल्ली में हिंसा भड़की है और लोगों की मौत हुई है। इस पर सॉलिसिटर मेहता ने कहा कि पुलिस की ओर से अब तक 468 मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन कुछ लोग भाजपा नेताओं के खिलाफ ही मामला दर्ज कराने को लेकर अड़े हुए हैं।

    सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, क्या नेताओं को गिरफ्तार से रुक जाएगी हिंसा?

    सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील गोंजाल्विस द्वारा भाजपा नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग करने पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "हमने भी दंगे देखे हैं। आपका ये बयान कि किसी को गिरफ्तार करने से हिंसा रुकेगी, ये लॉजिकल नहीं लगता। मुंबई हिंसा में हमने देखा है। मुंबई में शाखा प्रमुख को गिरफ्तार किया गया, तो हिंसा भड़क गई थी। कभी-कभी नेताओं को पकड़कर जेल में बंद कर देने से समर्थक और अधिक आक्रोशित हो जाते हैं।"

    याचिकाकर्ता हर्ष मंदर को लगाई फटकार

    याचिकाकर्ता पूर्व IAS अधिकारी हर्ष मंदर की ओर से सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा नहीं होने के बाद सुनवाई के लिए वहां जाने की बात करने को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि वह मंदर की सुनवाई नहीं करेंगे। कोर्ट केवल दस दंगा पीडि़तों की ओर दायर की गई याचिकाओं पर उनके वकील कॉलिन गोंजाल्विस को सुनेंगे। कोर्ट ने मंदर से उनके बयान पर सफाई भी मांगी है।

    दस दंगा पीडि़त और सामाजिक कार्यकर्ता ने दायर की थी याचिका

    बता दें कि दिल्ली में गत दिनों हुई हिंसा में अपना सबकुछ गवाने वाले 10 दंगा पीडि़त और सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंडेर ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हिंसा के पीछे मौजूद लोगों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर याचिका दायर की थी। दंगा पीड़ितों ने दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा मामले की सुनवाई चार सप्ताह के लिए टाल देने के कारण सुप्रीम कोर्ट से मामले में जल्द सुनवाई की मांग की थी। उनकी इस मांग को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था।

    दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को दिया है 13 अप्रैल तक का समय

    दिल्ली में हुई हिंसा के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस द्वारा विवादित व नफरत फैलाने वाले बयान देने वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा था कि यदि पुलिस कार्रवाई करती तो शायद हिंसा को यह रूप नहीं मिलता। इसके बाद पुलिस ने कोर्ट से कार्रवाई के लिए समय मांगा था। बाद में कोर्ट ने पुलिस को कार्रवाई करने के लिए 13 अप्रैल तक का समय दिया था।

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