समलैंगिक विवाह से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई पूरी, सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला
समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से संबंधित याचिकाओं पर 10 दिन की लंबी सुनवाई के बाद गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया। मामले की सुनवाई 18 अप्रैल को शुरू की गई थी। पीठ में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस संजय किशन कौल, एस रवींद्र भट, हिमा कोहली और पीएस नरसिम्हा शामिल रहे। मामले में पीठ के समक्ष 20 याचिकाएं हैं, जिन्हें कई संगठन और जोड़ों ने दाखिल किया है।
केवल विशेष विवाह अधिनियम तक रहेगा फैसले का दायरा
लाइव लॉ वेबसाइट के मुताबिक, सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि वह इस मामले को केवल विशेष विवाह अधिनियम तक ही सीमित रखेगी और व्यक्तिगत कानूनों को नहीं छूएगी। मामले में केंद्र सरकार ने दलील दी कि यह संसद द्वारा तय किया जाना चाहिए कि समलैंगिक जोड़ों को विवाह समेत कुछ अन्य अधिकार प्रदान किए जा सकते हैं या नहीं। सरकार ने समलैंगिक विवाह को मंजूरी देने का विरोध किया था।