तमिलनाडु के मंत्री बालाजी को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जेल में बंद तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी को स्वास्थ्य के आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति एससी शर्मा की बेंच ने चिकित्सा आधार पर जमानत की मांग करने वाली बालाजी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि उनकी बीमारी गंभीर और जानलेवा नहीं है। बेंच ने बालाजी को निचली कोर्ट में जमानत की अपील करने को कहा है।
कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने बालाजी की स्वास्थ्य रिपोर्ट देखने के बाद कहा कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति में कुछ भी गंभीर नहीं है और स्वास्थ्य रिपोर्ट से ऐसा नहीं लगता कि यह ऐसी चिकित्सीय स्थिति है, जिसका जमानत के बाद ही इलाज किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि बालाजी निचली कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल कर सकते हैं और इस पर सुनवाई के दौरान उसके आदेश में की गई किसी भी टिप्पणी का उनके खिलाफ इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।
क्या है मामला?
तमिलनाडु सरकार में मंत्री और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) नेता बालाजी पर पैसे देकर नौकरी दिलाने के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है और प्रर्वतन निदेशालय (ED) ने उन्हें 14 जून को गिरफ्तार किया था। बालाजी ने गिरफ्तारी को बरकरार रखने के मद्रास हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे 7 अगस्त को खारिज कर दिया गया था। अब कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से भी इनकार कर दिया है।
बालाजी पर क्या आरोप हैं?
ED बालाजी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में जांच कर रही है। ये मामला तब का है जब बालाजी 2011 से 2015 के बीच तत्कालीन ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) सरकार में परिवहन मंत्री थे। उन पर विभाग में नौकरी दिलाने के बदले में पैसे लेने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट ने 16 मई को ED और पुलिस को बालाजी के खिलाफ जांच करने का आदेश दिया था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
कौन हैं बालाजी?
बालाजी का जन्म 21 अक्टूबर, 1975 को करूर में एक गरीब किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने करूर के ही सरकारी RTS कॉलेज से पढ़ाई की है। वह छात्र जीवन में ही एक कार्यकर्ता के रूप में AIADMK से जुड़ गए थे। वह 2011 से 2015 तक AIADMK के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार में परिवहन मंत्री भी रहे। 2018 में वह DMK में शामिल हो गए थे और उन्हें 2021 में एमके स्टालिन के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।