ट्रिब्यूनल में नियुक्तियां: सुप्रीम कोर्ट की सरकार को फटकार, कहा- सब्र की परीक्षा न लें
विभिन्न ट्रिब्यूनल्स में खाली पड़े पदों पर नियुक्तियां न करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। साथ ही कोर्ट ने ट्रिब्यूनल रिफॉर्म एक्ट पास करने के मामले में सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि इसमें ठीक वैसे ही प्रावधान शामिल किए गए हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट पहले हटा चुका है। अब सु्प्रीम कोर्ट ने नियुक्तियां करने के लिए सरकार को एक सप्ताह का समय दिया है।
सब्र की परीक्षा ले रही सरकार- कोर्ट
सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमन्ना, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एल नागेश्वर राव की बेंच ने सरकार से कड़ी नाराजगी जताई। CJI रमन्ना ने कहा, "इस अदालत के फैसलों का सम्मान नहीं हो रहा। आप हमारे सब्र की परीक्षा ले रहे हैं। कितने लोग नियुक्त किए गए हैं? आपने कहा कि कुछ लोगों की नियुक्ति हुई हैं।" उन्होंने कहा कि कोर्ट मौजूदा स्थिति को लेकर 'बहुत नाराज' है।
सरकार से टकराव नहीं चाहते- CJI रमन्ना
CJI रमन्ना ने आगे कहा, "हमारे पास तीन विकल्प हैं। पहला हम कानून पर रोक लगा दें। दूसरा ट्रिब्यूनल को बंद करके हाई कोर्ट्स को शक्तियां दे दें और तीसरा है कि हम खुद नियुक्तियां कर दें।" उन्होंने कहा, "हम सरकार से टकराव नहीं चाहते। जैसे सुप्रीम कोर्ट जजों की नियुक्ति की गई थी, हम उससे खुश हैं। बिना सदस्यों और प्रमुखों के ये ट्रिब्यूनल काम नहीं कर पा रहे हैं।" आगामी सोमवार को अगली सुनवाई होगी।
ट्रिब्यूनल के मामले सुप्रीम कोर्ट में आ रहे- बेंच
सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से ट्रिब्यूनल पर अपना स्टैंड साफ करने को कहा था कि क्या वो इन्हें बनाए रखना चाहती है या बंद करना चाहती है। तब कोर्ट ने कहा था कि ऐसा लग रहा है कि नौकरशाही ट्रिब्यूनल नहीं चाहती हैं। बेंच ने आज की सुनवाई के दौरान के नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल में पद खाली पड़े हुए हैं और इनके मामले सुप्रीम कोर्ट में आ रहे हैं।
सरकार ने कहा- ट्रिब्यूनल बंद करने की मंशा नहीं
सोमवार को सुनवाई के दौरान सरकार ने बताया कि वो ट्रिब्यूनल बंद नहीं करना चाहती। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ट्रिब्यूनल बंद करने की जरा भी मंशा नहीं है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट कांग्रेस नेता जयराम रमेश की याचिका पर सुनवाई कर रहा है। रमेश ने अपनी याचिका में ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स एक्ट के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है। यह कानून हाल ही में संपन्न हुए मानसून सत्र के दौरान पारित किया गया था।