सुप्रीम कोर्ट ने IIT-धनबाद को दलित छात्र को प्रवेश देने को कहा, जानिए मामला
सुप्रीम कोर्ट ने फीस जमा करने में देरी के कारण प्रवेश से छूटे दलित छात्र को राहत दी है। कोर्ट ने IIT-धनबाद को छात्र को प्रवेश देने को कहा है। कोर्ट ने सोमवार को अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए अनुसूचित जाति (SC) के एक अभ्यर्थी को राहत प्रदान की है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि प्रतिभाशाली याचिकाकर्ता, जो हाशिए में पड़े समूह से आते हैं, उनको वंचित नहीं किया जाना चाहिए।
कोर्ट ने क्या कहा?
भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने आदेश सुनाते हुए कहा कि अनुच्छेद 142, जो पर्याप्त न्याय देता है वह केवल इसी उद्देश्य के लिए है। CJI ने कहा, "इसलिए छात्र को IIT-धनबाद में प्रवेश दिया जाए और उसे उसी बैच में रहने दिया जाए, जिसमें फीस का भुगतान कर पर उसे प्रवेश दिया जाता। किसी मौजूदा छात्र को परेशान न किया जाए और अभ्यर्थी के लिए अतिरिक्त सीट बनाई जाए। ऑल द बेस्ट।"
क्या है मामला?
याचिकाकर्ता उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर निवासी अतुल कुमार (18) ने JEE एडवांस 2024 में भाग लेकर अपनी श्रेणी में 1455 रैंक हासिल की थी। उसे IIT-धनबाद में इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग में सीट मिली थी। प्रवेश के लिए उसे पोर्टल पर 24 जून तक 17,500 रुपये जमा करने थे, लेकिन पैसे का इंतजाम करने में वह पिछड़ गया और फीस नहीं जमा कर पाया, जिससे उसे प्रवेश नहीं मिला। छात्र के पिता दिहाड़ी मजदूर हैं और परिवार गरीबी रेखा से नीचे है।