
केरल: कड़ा लॉकडाउन ही एकमात्र समाधान, दो हफ्तों में बेहतर हो सकते हैं हालात- सरकारी सूत्र
क्या है खबर?
केरल में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि राज्य में कड़े लॉकडाउन और कंटेनमेंट की जरूरत है।
सूत्रों ने कहा कि अधिक संक्रमण दर वाले इलाकों में लॉकडाउन लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। केवल लॉकडाउन से ही संक्रमण की रफ्तार पर काबू पाया जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार, अगर कड़ी पाबंदियां लागू की जाती हैं तो सितंबर मध्य तक हालात बेहतर हो सकते हैं।
कोरोना संक्रमण
केरल में दर्ज हो रहे सर्वाधिक मामले
गौरतलब है कि केरल में कुल संक्रमितों की संख्या 40 लाख से अधिक हो गई है और बीते कई दिनों से देश में सर्वाधिक मामले यहीं दर्ज हो रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, राज्य को स्मार्ट कंटेनमेंट की रणनीति तैयार करनी होगी ताकि संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके। यहां एक महीने से मामले बढ़ रहे हैं और अगर अभी कड़ा लॉकडाउन लागू किया जाता है तो दो सप्ताह बाद मामले कम होना शुरू हो जाएंगे।
कोरोना संकट
पड़ोसी राज्यों पर भी दिखने लगा असर
केरल में जुलाई में रोजाना औसतन 13,500 और अगस्त में 19,500 मामले दर्ज हो रहे थे।
बीते एक हफ्ते में कई दिन ऐसे रहे हैं, जब संक्रमितों की संख्या 30,000 पार हो गई। देश में रोजाना दर्ज हो रहे मामलों में आधे से अधिक अकेले केरल में दर्ज होते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि केरल केंद्र की सलाह नहीं मान रहा है और अब संक्रमण की रफ्तार का असर पड़ोसी राज्यों पर भी दिखने लगा है।
कोरोना से जंग
केरल में माइक्रो-कंटेनमेंट जोन की जरूरत- सूत्र
मंत्रालय के सूत्रों ने माइक्रो-कंटेनमेंट जोन की अहमियत को रेखांकित करते हुए कहा कि केरल को न सिर्फ जिला स्तर पर बल्कि छोटे-छोटे इलाकों में पाबंदियां लागू करने की जरूरत है। इसके अलावा होम आइसोलेशन में महामारी से ठीक हो रहे लोग भी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। इसके चलते भी संक्रमण पर काबू पाने में परेशानियां आ रही हैं।
सूत्रों ने कहा कि केरल को तुरंत कंटेनमेंट जोन बनाने और आवाजाही पर रोक लगाने की जरूरत है।
फैसला
कर्नाटक ने केरल से आने वालों के लिए जरूरी किया क्वारंटाइन
महामारी के कारण बिगड़ते हालात देखकर कर्नाटक ने केरल से राज्य में आने वाले सभी यात्रियों के लिए सात दिन का संस्थागत क्वारंटाइन अनिवार्य कर दिया है।
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने कहा कि सरकार ने केरल से आने वाले सभी यात्रियों को सात दिन के लिए क्वारंटाइन में रखने का निर्णय किया है। वैक्सीन की दोनों खुराकें लगवा चुके और RT-PCR की निगेटिव रिपोर्ट वालों को भी आवश्यक रूप से क्वारंटाइन में रहना होगा।
जानकारी
केरल में कितने लोग संक्रमित?
केरल में बीते दिन 30,203 लोगों को संक्रमित पाया गया और 115 मरीजों की मौत हुई। इसी के साथ यहां कुल संक्रमितों की संख्या 40,57,233 हो गई है। इनमें से 2,19,441 सक्रिय मामले हैं, 38,17,004 लोग ठीक हो चुके हैं और 20,788 मौतें हुई हैं।
कोरोना वायरस
देश में संक्रमण की क्या स्थिति?
भारत में बीते दिन कोरोना के 41,965 नए मामले सामने आए और 460 मरीजों की मौत हुई।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 3,28,10,845 हो गई है। इनमें से 4,39,020 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या फिर से बढ़कर 3,78,181 पर पहुंच गई है।
बीते कुछ दिनों से देश में हालात बेहतर हुए हैं, लेकिन सरकार ने चेताया है कि दूसरी लहर खत्म नहीं हुई है और सतर्क रहने की जरूरत है।