सोनम वांगचुक को रिहा करने के बाद दोबारा हिरासत में लिया गया, लेह में चक्काजाम
क्या है खबर?
लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और उनके करीब 150 साथियों को दिल्ली पुलिस ने दोबारा हिरासत में ले लिया है। इस दौरान आंदोलनकारी हिरासत में ही भूख हड़ताल पर हैं।
आज यानी 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती पर आंदोलनकारी गांधी के समाधि स्थल पर जाना चाहते थे। इस वजह से पुलिस ने सभी को दोबारा हिरासत में ले लिया है।
इससे पहले एक अक्टूबर की रात पुलिस ने आंदोलनकारियों को रिहा कर दिया था।
बयान
आंदोलनकारियों ने क्या कहा?
लेह एपेक्स बॉडी के समंवयक जिगमत पलजोर ने कहा, "हमें करीब 24 घंटे से हिरासत में रखा गया, जो अवैध है। हमें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाना चाहिए। कुछ लोगों को 24 घंटे के अंदर रिहा कर दिया गया और फिर थाने वापस बुला लिया गया। पुलिस ने मंगलवार रात हमें जबरन एक अज्ञात स्थान पर ले जाने का प्रयास किया, लेकिन हम विरोध में डटे रहे। बवाना थाने में हमारे फोन जब्त कर लिए गए हैं।"
दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस ने क्या वजह बताई?
दिल्ली पुलिस का कहना है कि पदयात्रियों को बीती रात रिहा किया गया था, लेकिन उन्हें फिर से हिरासत में लिया गया है।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "वांगचुक और हिरासत में लिए गए लद्दाख के अन्य नागरिकों को मंगलवार की रात को रिहा कर दिया गया था, लेकिन वे दिल्ली के मध्य भाग की ओर मार्च करने पर अड़े रहे, इसलिए उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया गया है।
हिरासत
बनावा जेल में हिरासत में हैं वांगचुक
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए लेह एपेक्स बॉडी के सह-अध्यक्ष त्सेरिंग गोरजॉय ने कहा, "सोनम वांगचुक अभी भी हिरासत में हैं। उनका मोबाइल छीन लिया गया है, इसलिए हम उनसे बात नहीं कर सकते। इस बीच अलग-अलग जगहों पर हिरासत में रखे गए कुछ कार्यकर्ता वहीं से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। कारगिल के करीब 25 लोग थे जिन्हें पुलिस मंगलवार को रिहा करने वाली थी। उन्हें बस में ले गए, लेकिन रिहा नहीं किया।"
राष्ट्रीय राजमार्ग
समर्थकों ने लेह में राष्ट्रीय राजमार्ग बंद किया
वांगचुक को हिरासत में लिए जाने के बाद उनके समर्थकों ने आज लेह में राष्ट्रीय राजमार्ग 1 को बंद कर दिया है।
करीब 2 दर्जन प्रदर्शनकारियों ने फियांग कस्बे से लगभग 6 किलोमीटर दूर राजमार्ग पर लाठी और ड्रम लगाकर यातायात रोक दिया।
इस वजह से करीब 150 वाहन फंस गए हैं, जिनमें कुछ विदेशी पर्यटक भी सवार हैं। प्रदर्शनकारी यहां से केवल सैन्य वाहनों को निकलने की ही अनुमति दे रहे हैं।
वजह
क्यों पदयात्रा निकाल रहे हैं वांगचुक?
दरअसल, 2019 में केंद्र सरकार ने लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग कर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था। लद्दाख के पास अपनी विधानसभा भी नहीं है।
वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने और संविधान की छठवीं अनुसूची लागू करने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा लेह और कारगिल जिलों के लिए अलग-अलग लोकसभा सीटें, राज्यसभा में प्रतिनिधित्व और लद्दाख के लिए एक अलग लोक सेवा आयोग की भी उनकी मांगों में शामिल हैं।
परिचय
कौन हैं सोनम वांगचुक?
1966 में जन्मे वांगचुक एक इंजीनियर और पर्यावरण कार्यकर्ता हैं। वे स्टूडेंट एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) के संस्थापक-निदेशक हैं, जो लद्दाख में शिक्षा प्रणाली में सुधार पर केंद्रित है।
वांगचुक ने भारतीय सेना के लिए बेहद ठंडे स्थानों पर उपयोग वाले सौर टेंट बनाए हैं। उन्हें 2018 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
फिल्म '3 इडियट्स' में आमिर खान ने जिस रैंचो का किरदार निभाया था, वो वांगचुक पर ही आधारित था।