CBI बनाम CBI: कोर्ट ने स्वीकार की राकेश अस्थाना को मिली क्लीन चिट
CBI बनाम CBI भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को शनिवार को बड़ी राहत मिली है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की एक विशेष अदालत ने मामले में राकेश अस्थाना और पुलिस उपायुक्त देवेंद्र कुमार को जांच एजेंसी द्वारा दी गई क्लीन चिट को स्वीकार कर लिया है। इसके अलावा अदालत ने CBI की ओर से मनोज प्रसाद के खिलाफ दाखिल किए गए आरोप पत्र पर भी संज्ञान लिया है। आइए जानें पूरा मामला।
अदालत ने माना अस्थाना के खिलाफ नहीं है पर्याप्त सबूत
मामले में सुनवाई करते हुए रॉज एवेन्यू कॉम्प्लेक्स स्थित अदालत के विशेष CBI न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में राकेश अस्थाना और देवेंद्र कुमार के खिलाफ आरोप साबित किए जाने के लिए पर्याप्त सुबूत नहीं हैं। ऐसे में मामले में CBI की ओर से पूर्व में उन्हें दी गई क्लीन चिट को स्वीकार किया जाता है। कोर्ट का यह फैसला अस्थाना और देवेन्द्र कुमार के लिए बड़ी राहत की खबर लेकर आया है।
अस्थाना ने किया था आलोक वर्मा के इशारे पर कार्रवाई करने का दावा
जब राकेश अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया था। वह तभी से खुद को बेगुनाह बता रहे थे और उन्होंने दावा किया था कि पूर्व डायरेक्टर आलोक वर्मा के इशारे पर उनके खिलाफ मनगढ़ंत तरीके से मामला दर्ज कराया गया है।
CBI ने गत माह दी थी अस्थान को क्लीन चिट
आपको बता दें कि मामले में राकेश अस्थाना, देवेंद्र कुमार के खिलाफ CBI पिछले साल CBI जांच बैठाई गई थी। उसके बाद CBI ने मामले से जुड़े सभी लोगों के बयान लेकर भ्रष्टाचार में अस्थाना की लिप्तता की गहन जांच की थी, लेकिन उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले। इसके बाद गत 14 फरवरी को CBI ने सबूतों के अभाव में दोनों को क्लीन चिट दे दी थी। उसके बाद से ही अस्थान को कोर्ट के फैसले का इंतजार था।
अक्टूबर 2015 में दर्ज किया गया था अस्थाना के खिलाफ मामला
आपको बता दें कि राकेश अस्थाना के खिलाफ 15 अक्टूबर, 2018 को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत आपराधिक साजिश, भ्रष्टाचार और आपराधिक कदाचार के आरोपों में मामला दर्ज किया गया था। उसके एक दिन बाद ही दुबई निवासी मनोज प्रसाद को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया और एक सप्ताह बाद पुलिस उपायुक्त देवेन्द्र कुमार को हिरासत में लिया गया था। इसके बाद CBI ने 11 फरवरी, 2020 को मनोज के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी।
अस्थाना ने आलोक वर्मा पर लगाया था दो करोड़ की रिश्वत का आरोप
अस्थाना ने खुद के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद कहा था कि पूर्व डायरेक्टर आलोक वर्मा ने सतीश सना से दो करोड़ की रिश्वत ली थी और अब वह उन्हें झूठे आरोप में फंसा रहे हैं। अस्थाना के खिलाफ दर्ज रिपोर्ट में कहा गया था कि उन्होंने मनोज के जरिए सना से उसके भाई मोइन कुरैशी के खिलाफ मामले में मदद करने के लिए तीन करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी, लेकिन यह आरोप जांच में झूठे पाए गए।