सरकार ने वायुसेना की कार्रवाई को बताया Non-Military Pre-Emptive action, जानिये क्या होता है यह
पुलवामा हमले का बदला लेते हुए भारतीय वायुसेना (IAF) ने पाकिस्तानी सीमा में घुसकर आतंकी कैंपों को तबाह कर दिया। पाकिस्तानी सेना ने सबसे पहले इसकी सूचना देते हुए कहा कि IAF ने पाकिस्तानी सीमा का उल्लंघन किया है। बता दें, 1971 युद्ध के बाद यह पहली बार है जब IAF ने नियंत्रण रेखा (LoC) को पार किया है। इस एयरस्ट्राइक में वायुसेना के मिराज 2000 विमानों ने जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े कैंप को तबाह कर दिया है।
'सबूत देने के बावजूद कार्रवाई नहीं कर रहा था पाकिस्तान'
वायुसेना की कार्रवाई की जानकारी देते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि भारत ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंपों को निशाना बनाया गया था। उन्होंने भारत की इस कार्रवाई को असैन्य रक्षात्मक कार्रवाई (Non-Military Pre-Emptive action) बताते हुए कहा कि जैश-ए-मोहम्मद कई सालों से भारत में आतंकी घटनाओं की साजिश रच रहा है। उन्होंने कहा कि बार-बार सबूत देने के बाद भी पाकिस्तान आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है।
क्या होता है Non-Military Pre-Emptive action?
सरकार ने इस कार्रवाई को Non-Military Pre-Emptive action बताया है। इसका मतलब है कि पुख्ता खुफिया जानकारी के आधार पर किसी देश ने अपने ऊपर आने वाले खतरे को टालने के लिए कार्रवाई की है। इसका मकसद किसी देश के साथ युद्ध की भावना को भड़काना नहीं बल्कि अपने ऊपर आने वाले खतरों के प्रति रक्षात्मक कदम उठाना है। इसका एक और मतलब यह भी कि दुश्मन आप पर हमला करें उससे पहले आप उस पर हमला कर दें।
पाकिस्तान के बालाकोट में मिशन
पाकिस्तान में दो बालाकोट है। एक बालाकोट पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में और दूसरा खैबर-पख्तूनवा प्रांत में है। अभी तक यह साफ नहीं है कि वायुसेना ने किस बालाकोट में स्थित आतंकी कैंपों को निशाना बनाया है। माना जा रहा है वायुसेना ने खैबर-पख्तूनवा प्रांत स्थित आतंकी कैंपों को निशाना बनाया है। यह भारतीय वायुसेना के लिए बड़ी कामयाबी है, वहीं पाकिस्तानी सेना के लिए उतनी ही बड़ी शर्मिंदगी का विषय है।
सरकार ने बताया 'असैन्य रक्षात्मक कार्रवाई'
विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि 'पुख्ता खुफिया जानकारी' के आधार पर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ इस 'असैन्य रक्षात्मक कार्रवाई' को अंजाम दिया है। उन्होंने अपने बयान में भारतीय वायुसेना या एयर स्ट्राइक शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है। साथ ही उन्होंने यह भी नहीं बताया कि इस कार्रवाई को पाकिस्तान में अंजाम दिया गया या पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में। हालांकि, जैसा हमने पहले बताया कि इस कार्रवाई को पाकिस्तान के बालाकोट में अंजाम दिया गया है।
300-400 आतंकियों के ढेर होने की खबर
विदेश सचिव विजय गोखले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस मिशन में बड़ी संख्या में आतंकी, उनके कमांडर और ट्रेनर मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि ये आतंकी भारत में हमलों की तैैयारी कर रहे थे। बता दें, इस कैंप को आतंकी मसूद अजहर का साला मौलाना युसुफ अजहर चला रहा था। हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने किसी भी तरह के नुकसान की बात से इनकार किया है। माना जा रहा है इस कार्रवाई में 300-400 आतंकी मारे गए हैं।
ऐसे अंजाम तक पहुंचा यह मिशन
इस मिशन की शुरुआत 25 फरवरी की रात को हुई। मिशन को अंजाम देने के लिए ग्वालियर से लेजर गाइडेड बम से लैस 12 मिराज 2000 विमानों ने उड़ान भरी। इनके साथ भठिंडा से 'अर्ली-वार्निंग' जेट और आगरा से 'मिड-एयर रिफ्यूलिंग' जेट ने उड़ान भरी। पायलटों ने टारगेट को निशाना बनाने से पहले उनका जायजा लिया और कम ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए टारगेट को निशाना बनाया। इस मिशन को सुबह 03:20 से 03:30 बजे के बीच अंजाम दिया गया।
भारत को मिला था दुनियाभर का साथ
पुलवामा हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC), संयुक्त राष्ट्र (UN) के अलावा अमेरिका, रूस, बांग्लादेश, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों ने भारत के प्रति अपना समर्थन जाहिर किया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि भारत-पाकिस्तान के बीच स्थिति खतरनाक स्तर पर है और भारत बड़ा कदम उठा सकता है। अमेरिका ने कहा था कि भारत को आत्मरक्षा का अधिकार है। साथ ही अमेरिका ने पाकिस्तान से आतंकियों पर कार्रवाई करने को भी कहा था।