महाराष्ट्र: डेल्टा प्लस वेरिएंट से संक्रमित पाए गए ज्यादातर लोगों को नहीं लगी थी वैक्सीन
क्या है खबर?
महाराष्ट्र में जिन 21 लोगों को कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट से संक्रमित पाया गया है, संभवतः उनमें से किसी को वैक्सीन नहीं लगी थी। इनमें से तीन मरीज तो 18 साल से कम उम्र के थे और वैक्सीनेशन के पात्र नहीं थे।
राज्य के अधिकारियों ने ये जानकारी दी है। ये तथ्य सामने आने के बाद राज्य सरकार ने जिन पांच जिलों में डेल्टा प्लस के मामले सामने आए हैं, वहां वैक्सीनेशन तेज करने का फैसला लिया है।
बयान
सरकारी विशेषज्ञ बोले- ज्यादातर को नहीं लगी थी वैक्सीन
महाराष्ट्र सरकार के जन स्वास्थ्य विभाग की महामारी विज्ञान इकाई के प्रमुख डॉ प्रदीप अवाटे ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि अभी भी सभी मरीजों के बारे में सूचना एकत्रित की जा रही है, लेकिन शुरूआती जांच में सामने आया है कि ज्यादातर को वैक्सीन नहीं लगी थी।
उन्होंने बताया कि संक्रमित पाए गए मरीजों में से तीन मरीज तो 18 साल से कम उम्र के थे और वैक्सीनेशन के पात्र नहीं थे।
मामले
महाराष्ट्र के इन जिलों में सामने आए हैं डेल्टा प्लस के मामले
बता दें कि महाराष्ट्र में जिनोम सीक्वेंसिंग के दौरान डेल्टा प्लस वेरिएंट के जो 21 मामले सामने आए हैं, उनमें से नौ रत्नागिरी में, सात जलगांव में, दो मुंबई में और एक-एक पालघर, ठाणे और सिंधुदुर्ग में मिला है।
शुक्रवार को डेल्टा प्लस से संक्रमित पाई गई रत्नागिरी की एक 80 वर्षीय महिला की मौत भी हो गई। उसे 1 जून को कोविड देखभाल केंद्र में भर्ती कराया गया था और बाद में सरकारी अस्पताल में ट्रांसफर कर दिया गया।
गुत्थी
संक्रमित पाए गए लोगों में किसान भी शामिल
स्वास्थ्य विभाग ये समझने की कोशिश कर रहा है कि ये 21 लोग डेल्टा प्लस वेरिएंट से संक्रमित कैसे हुए। रत्नागिरी सरकारी अस्पताल के डॉक्टर संघमित्र फूले ने कहा, "रत्नागिरी में संक्रमित पाए गए ज्यादातर लोग किसान हैं जिनका अंतरराष्ट्रीय यात्रा का कोई रिकॉर्ड नहीं है। वे जिले से बाहर तक नहीं गए हैं।"
राज्य स्वास्थ्य मिशन के कमिश्नर एन रामास्वामी ने बताया कि डेल्टा प्लस मामले वाले जिलों में टेस्ट और वैक्सीनेशन बढ़ा दिए गए हैं।
डेल्टा प्लस
क्या है डेल्टा प्लस वेरिएंट?
सबसे पहले भारत में मिले कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट (B.1.617.2) में अब एक और म्यूटेशन हुआ है। इस म्यूटेशन के साथ इसे 'डेल्टा प्लस' या 'AY.1' वेरिएंट के नाम से जाना जा रहा है।
डेल्टा वेरिएंट की स्पाइक प्रोटीन में K417N म्यूटेशन होने के बाद यह डेल्टा प्लस वेरिएंट बना है। यह वेरिएंट अभी तक भारत समेत 10 देशों में पाया जा चुका है।
भारत में इसके लगभग 50 मामले सामने आ चुके हैं।
चिंता
इम्युनिटी को मात देने में कामयाब हो सकता है डेल्टा प्लस- विशेषज्ञ
भारत के शीर्ष वायरोलॉजिस्ट्स में शामिल प्रोफेसर शाहिद जमील के अनुसार, डेल्टा प्लस वेरिएंट वैक्सीन और संक्रमण दोनों तरह की इम्युनिटी को मात देने में कामयाब हो सकता है।
उन्होंने इंडिया टुडे से कहा, "डेल्टा प्लस वेरिएंट में K417N म्यूटेशन है जो दक्षिण अफ्रीका में मिले बीटा वेरिएंट में भी था। ये स्थापित है कि बीटा वेरिएंट अल्फा और डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले वैक्सीनों को चकमा देने में ज्यादा कामयाब रहता है।"