
पश्चिम बंगाल: सभी जेलों में खुलेंगे रेडियो स्टेशन, मनपसंद संगीत सुन और बजा सकेंगे कैदी
क्या है खबर?
पश्चिम बंगाल की जेलों में बंद अपराधियों के अब जल्द ही दिन फिरने वाले हैं।
आने वाले समय में जेलों में बंद सभी कैदी व बंदी अपने पसंद के गाने न केवल सुन सकेंगे बल्कि इपनी इच्छानुसार गाने बजा भी सकेंगे।
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से जेलों में कैदियों की स्थिति और रहन-स्तर को और बेहतर बनाने के लिए शुरू की गई कवायद के तहत अब सरकार ने सभी जेलों में रेडियो स्टेशन संचालित करने का निर्णय किया है।
पहला राज्य
सभी जेलों में रेडियो स्टेशन संचालित करने वाला होगा पहला राज्य
सरकार द्वारा सभी जेलों में रेडियो स्टेशन संचालित करने के साथ ही पश्चिम बंगाल कैदियों और बंदियों के हित में ऐसा कदम उठाने वाला पहला राज्य बन जाएगा।
सरकार ने इस परियोजना की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दमदम केंद्रीय कारागार से की थी।
इसमें सफलता मिलने के बाद अब इसे राज्य की सभी जेलों में शुरू करने को हरी झंडी दे दी गई है। ऐसे में यह कैदी व बंदियों की बेहतरी के लिए अनूठा कदम है।
जानकारी
कैदियों को दिया जा चुका है अभिनय और नृत्य का प्रशिक्षण
सरकार की ओर से कैदियों की बेहतरी के चलाई गई मुहिम के तहत सरकार की ओर से पूर्व में कैदियों को अभिनय और नृत्य का प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। उन्हें जानी-मानी ओडिशी नृत्यागंना अलकनंदा राय ने दो वर्षों तक इसका प्रशिक्षण दिया था।
वाहवाही
कैदियों ने जेल के बाहर नाटक मंचन कर लूटी वाहवाही
ओडिशी नृत्यागंना अलकनंदा राय के सानिध्य में प्रशिक्षण लेकर प्रेसीडेंसी और अलीपुर जेल में रहने वाले 54 कैदियों ने एक नृत्य और नाट्य मंडली की स्थापना की थी।
इस मंडली में 10 महिला कैदी भी शामिल थीं। इसके बाद इस मंडली ने कई बार जेलों के बाहर जाकर नाटक मंचन किया और लोगों की जमकर वाहवाही भी लूटी थीं।
इसी सफलता को को आगे बढ़ाते हुए अब सरकार ने जेलों में रेडियो स्टेशन संचालित करने का निर्णय किया है।
लाउड स्पीकर
कैदियों तक गानों की आवाज पहुंचाने के लिए रखे जाएंगे लाउड स्पीकर
राज्य के जेल मंत्री उज्ज्वल विश्वास ने बताया कि जेलों में रेडियो स्टेशन खोलने की तैयारी शुरू की जा चुकी है।
इसके लिए पांच हजार गानों का कलेक्शन किया गया है। जेलों में प्रतिदिन आठ घंटे तक गानों का प्रसारण किया जाएगा।
गानों की आवाज कैदियों और बंदियों तक पहुंचाने के लिए उनके बैरिकों के बाद लाउड स्पीकर रखवाएं जाएंगे।
यह कारण चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। संगीत उपकरण रखने के लिए जेलों में अलग से कमरा दिया जाएगा।
रेडियो जॉकी
जेलों के कैदी बनेंगे रेडियो जॉकी
जेल मंत्री ने बताया कि जेलों में संगीत बजाने के लिए आधा दर्जन कैदियों को रेडियो जॉकी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
दमदम जेल में पति की हत्या के आरोप में उम्र कैद की सजा काट रही मनुआ मजुमदार और शारदा चिटफंड घोटाले के आरोपी देबजानी मुखर्जी रेडियो जॉकी का प्रशिक्षण ले चुके हैं।
दमदम जेल में फिलहाल प्रतिदिन 10 घंटे कार्यक्रम का प्रसारण किया जा रहा है। आने वाले समय में इसे और बढ़ाया जा सकता है।
जानकारी
कई कैदी ले चुके कंप्यूटर का प्रशिक्षण
सरकार की योजनाओं के तहत कई कैदियों को एक गैर-सरकारी संगठन की सहायता से कैदियों को कंप्यूटर का प्रशिक्षण भी दिलाया जा चुका है। इसके अलावा कुछ कैदियों ने सिलाई का प्रशिक्षण लिया था, जो अब पुलिसकर्मियों की वर्दी सिलने का काम कर रहे हैं।
खुशियां
कैदियों के जीवन में लौटी खुशियां
अपराधों के बाद जेल की सजा काटने पहुंचे कैदियों की जिंदगी में सरकार के प्रयासों से फिर से खुशियां लौटने लगी है।
दमदम जेल में सजा काट रहे सुनील का कहना है कि रेडियो स्टेशन ने उसके सूने जीवन में खुशियां लौटा दी हैं। जेल पहुंचने के बाद वह हंसना ही भूल गया था, लेकिन अब फिर से उसकी मुस्कान लौट आई है। वह अब सजा काटकर बाहर निकलने के बाद समाज की बेहतरी के लिए काम करना चाहता हैं।