NRC और नागरिकता कानून के खिलाफ ममता बनर्जी की हुुुंकार, बंगाल सरकार बर्खास्त करने की चुनौती
गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नागरिकता कानून के खिलाफ कोलकाता में एक बड़ी रैली निकाली। इस रैली में उन्होंने कहा कि वो किसी भी कीमत पर राज्य में नागरिकता कानून और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) को लागू नहीं होने देंगी। केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा कि ये कानून उनकी लाश के ऊपर से ही लागू होंगे और मोदी सरकार चाहे तो उनकी सरकार को बर्खास्त कर सकती है।
ममता ने कहा, जब तक जिंदा हूं NRC और नागरिकता कानून लागू नहीं होगा
ममता बनर्जी की ये रैली कोलकाता के रेड रोड स्थित बीआर अंबेडकर की प्रतिमा से शुरू होकर जोरासांको ठाकुरबाड़ी पर जाकर खत्म हुई। रैली में तृणमूल कांग्रेस के हजारों कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने हिस्सा लिया। रैली के दौरान ममता ने हुंकार भरते हुए कहा, "जब तक मैं जिंदा हूं, हम नागरिकता कानून और NRC को लागू नहीं करेंगे। वो (मोदी सरकार) अगर चाहें तो हमारी सरकार को बर्खास्त कर सकते हैं। हम आत्मसमर्पण नहीं करेंगे।"
"हम अकेले नहीं, और भी मुख्यमंत्री उठा रहे आवाज"
ममता ने आगे कहा, "उन्हें बंगाल में मेरी लाश के ऊपर से नागरिकता कानून और NRC लागू करना होगा। जब हमने NRC के खिलाफ आवाज उठाई थी तब हम अकेले थे। अब और भी मुख्यमंत्री बोल रहे हैं। आज दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि वो इसे लागू नहीं होने देंगे। बिहार के मुख्यमंत्री भी कह चुके हैं कि वो NRC को लागू नहीं होने देंगे। मध्य प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ और केरल के मुख्यमंत्री भी ऐसा कह चुके हैं।"
'सबका साथ, सबका विकास' नारे पर साधा निशाना
ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'सबका साथ, सबका विकास' नारे पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, "केवल भाजपा यहां रहेगी और बाकी सभी को छोड़कर जाना होगा। ये उनकी राजनीति है। ऐसा कभी नहीं होगा। भारत सभी का है। अगर सबका साथ नहीं रहेगा तो सबका विकास कैसे होगा? नागरिका कानून किसके लिए है? हम सभी नागरिक हैं।" उन्होंने कहा कि जब तक नागरिकता कानून और NRC को वापस नहीं लिया जाता, उनकी पार्टी अपना प्रदर्शन जारी रखेगी।
ममता की रैली को राज्यपाल ने बताया था असंवैधानिक
बता दें कि ममता की रैली से पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ट्वीट कर इसे असंवैधानिक बताया था। उन्होंने कहा, 'मैं अत्यंत पीड़ा में हूं कि मुख्यमंत्री और मंत्री नागरिकता कानून के खिलाफ रैली करने वाले हैं। ये असंवैधानिक है। मैं मुख्यमंत्री से इस असंवैधानिक और भड़काऊ कार्य से खुद को दूर करने और विकट परिस्थितियों से बाहर निकलने के लिए काम करने की अपील करता हूं।'
बंगाल में कई दिनों से हो रहे नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शन
गौरतलब है कि बंगाल में पिछले कई दिनों से नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भी हुई है और प्रदर्शनकारियों ने मुर्शिदाबाद में एक खाली ट्रेन के पांच डिब्बों को आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा पुलिस थाने पर हमले और हिंसा के अन्य मामले भी सामने आए हैं। हिंसा को रोकने के लिए राज्य के पांच जिलों में इंटरनेट को बंद कर दिया गया है।
बंगाल के राजनीति के लिए बेहद अहम है NRC और नागरिकता कानून
NRC और नागरिकता कानून दोनों मिलाकर बंगाल की राजनीति को पलटने की क्षमता रखते हैं। विरोधियों का आरोप है कि भाजपा इनके जरिए बंगाल में सांप्रदायिक टकराव बढ़ाने की कोशिश कर रही है ताकि 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव में इसका फायदा उठा सके। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पश्चिम बंगाल में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) से पहले नागरिकता कानून लागू करने के वादे से इन आरोपों को मजबूती मिलती है।
इसलिए ममता बनर्जी कर रहीं विरोध
यही कारण है कि ममता बनर्जी इन दोनों कानूनों का जमकर विरोध कर रही हैं। ये तय है कि चुनाव में उनकी पार्टी और भाजपा के बीच सीधी टक्कर होने वाली है, ऐसे में वो किसी भी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहतीं।