प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश में 10 लाख करोड़ रुपये की योजनाओं का शुभारंभ किया
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (GBC 4.0) के माध्यम से 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की 14,000 से अधिक परियोजनाओं शुभारंभ किया। इससे करीब 34 लाख लोगों के रोजगार का रास्ता साफ होगा। यह परियोजनाएं उत्तर प्रदेश को 1 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में अहम मानी जा रही है। बता दें लोकसभा की 80 सीटों वाले प्रदेश में चुनावों से पहले यह कार्यक्रम काफी अहम माना है।
क्या है प्रधानमंत्री मोदी का संभल में कार्यक्रम?
प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी सबसे पहले प्रदेश के संभल पहुंचे जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। यहां उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कल्कि धाम मंदिर का भूमि पूजन किया। इस मंदिर को श्री कल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट बनवा रहा है, जिसके अध्यक्ष आचार्य प्रमोद कृष्णम हैं। इस कार्यक्रम में कई संत, धार्मिक नेता और अन्य गणमान्य शामिल हुए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने इसके बाद एक जनसभा कार्यक्रम को संबोधित किया।
GBC 4.0 का आयोजन क्यों किया जा रहा?
दरअसल, उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 (UPGIS 2023) की सफलता के बाद इस साल 19-21 फरवरी तक लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में GBC 4.0 का आयोजन किया जा रहा है। इसमें उद्योगपतियों, वैश्विक और भारतीय कंपनियों के प्रतिनिधियों, राजदूतों और उच्चायुक्तों और अन्य विशिष्ट अतिथियों सहित लगभग 5,000 प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी करीब 1:45 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे।
कार्यक्रम में शामिल कई बड़े निवेशक
इस कार्यक्रम में उद्योगपतियों, शीर्ष वैश्विक और भारतीय कंपनियों के प्रतिनिधियों, राजदूतों और उच्चायुक्तों और अन्य विशिष्ट अतिथियों सहित लगभग 5,000 प्रतिभागी शामिल हुए। GBC के माध्यम से राज्य में 10,15,583 करोड़ रुपये के निवेश वाली कुल 14,537 परियोजनाएं क्रियान्वित होंगी। इसमें 500 करोड़ के निवेश वाली 300 परियोजनाएं, 100-500 करोड़ तक के निवेश वाली 895, 10-100 करोड़ तक के निवेश वाली 4,577 पहल और अधिकांश 1-10 करोड़ रुपये के निवेश वाली 8,735 परियोजनाएं शामिल हैं।
किन क्षेत्रों से जुड़ी हैं निवेश वाली परियोजनाएं?
यह 14 हजार से अधिक निवेश वाली परियोजनाएं विनिर्माण, नवीकरणीय ऊर्जा, आईटी एवं आईटीईएस, खाद्य प्रसंस्करण, आवास एवं रियल एस्टेट, आतिथ्य एवं मनोरंजन और शिक्षा जैसे क्षेत्रों से जुड़ी हैं। यह सेमीनार कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) प्रमुखों के साथ सीधे बातचीत की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे निवेशकों को संबंधित विभागों द्वारा किए जा रहे प्रभावशाली कार्यों के बारे में जानकारी मिलेगी और धर्मार्थ कार्यों के लिए निवेश करने विचार किया जा सकेगा।
प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में निवेश की क्या है योजना?
राज्य के औद्योगिक और अवसंरचना विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ने बताया कि यह 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश राज्य के विभिन्न हिस्सों को लाभ पहुंचाएगा। इसमें पश्चिम को सबसे अधिक 52 प्रतिशत निवेश मिला है। इसके बाद पूर्वांचल को 29 प्रतिशत, मध्यांचल को 14 प्रतिशत और बुंदेलखंड 5 प्रतिशत का निवेश मिला है। उन्होंने बताया कि सरकार प्रदेश के 7 जिलों झांसी, बांदा, ललितपुर, हमीरपुर, जालौन, महोबा और चित्रकूट में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने लिए प्रतिबद्ध है।
प्रदेश के 45 जिलों को मिलेगा निवेश का लाभ
उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPSIDA) के कार्यकारी निदेशक (CEO) मयूर माहेश्वरी ने कहा कि प्राधिकरण ने प्रदेश के 45 से अधिक जिलों में GBC 4.0 के लिए लगभग 1.5 लाख करोड़ का समझौता ज्ञापन (MoU) तैयार किया है। मथुरा में विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में 6,660 करोड़ रुपये के निवेश के साथ लगभग 3,500 इकाइयों द्वारा अपने उद्योग स्थापित करने की उम्मीद है। CEO ने कहा कि बुलंदशहर को 3,915 करोड़ रुपये का निवेश मिलने का अनुमान है।
अमेठी और गौतम बौद्ध नगर को कितना मिलेगा निवेश?
CEO माहेश्वरी ने बताया कि अमेठी को 1,693 करोड़ रुपये, मेरठ को 1,455 करोड़ रुपये, गौतम बौद्ध नगर को 1,129 करोड़ रुपये और अलीगढ़ को 213 करोड़ रुपये का निवेश मिलने का अनुमान है।