
प्रधानमंत्री मोदी 6 साल में पहली बार कनाडा में G-7 सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे
क्या है खबर?
भारत और कनाडा के रिश्तों में आई खटास के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार G-7 शिखर सम्मेलन से किनारा कर सकते हैं, जो कनाडा के अलबर्टा होने वाला है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, कनाडा की ओर से इस यात्रा के बारे में भारत से संपर्क नहीं किया गया है और न ही आमंत्रण भेजा गया है।
अगर अंतिम समय में आमंत्रण भेजा जाता है तो भारतीय पक्ष इसमें भाग लेने के लिए इच्छुक नहीं होगा।
संबंध
सुरक्षा संबंधी चिताओं का समाधान जरूरी
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की बढ़ती पहुंच और उनका कट्टरवादी रुख सुरक्षा संबंधी चिंताओं को बढ़ा रहा है। खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू लगातार धमकियां जारी कर रहा है।
उच्च स्तरीय अधिकारियों का कहना है कि अगर प्रधानमंत्री मोदी भविष्य में कनाडा की यात्रा करते हैं तो सुरक्षा संबंधी चिंताओं का समाधान करना बहुत जरूरी होगा और ऐसी हाई-प्रोफाइल यात्रा से पहले संबंधों में सुधार जरूरी है।
कनाडा में चरमपंथी खालिस्तानी समर्थकों पर भी कोई नकेल नहीं कसी गई है।
सम्मेलन
कब है G-7 शिखर सम्मेलन?
कनाडा में G-7 शिखर सम्मेलन का आयोजन 15 से 17 जून तक किया जाएगा, जो दुनिया के सबसे अधिक औद्योगिक अर्थव्यवस्थाओं का एक अनौपचारिक समूह है।
इसमें फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, जापान, अमेरिका और कनाडा शामिल है। भारत इसका हिस्सा नहीं है।
इसमें यूरोपीय संघ (EU), अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र भी आमंत्रित हैं।
अभी तक दक्षिण अफ्रीका, यूक्रेन और ऑस्ट्रेलिया ने कनाडा के निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। भारत को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
अनुपस्थिति
पहली बार अनुपस्थित रहेंगे मोदी?
भारत ने अब तक दस G-7 शिखर सम्मेलन आउटरीच सत्र में हिस्सा लिया है। इससे पहले 9 बार बतौर प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह और मोदी G-7 की बैठक में शामिल हो चुके हैं।
मोदी ने 2019 में फ्रांस में, 2021 में ब्रिटेन में, 2022, 2023 और 2024 में इटली में सम्मेलन में हिस्सा लिया था। ब्रिटेन में मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे।
इस बार 6 साल में पहली बार मोदी के हिस्सा लेने पर संशय है।
जानकारी
अब शुरू हो रही है भारत-कनाडा के बीच बातचीत
कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के जाने के बाद नए प्रधानमंत्री मॉर्क कार्नी के नेतृत्व में भारत और कनाडा के रिश्ते आगे बढ़ रहे हैं। पिछले दिनों विदेश मंत्री एस जयशंकर की कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद से फोन पर बातचीत हुई थी।