
हालिया सांप्रदायिक हिंसा की न्यायिक जांच कराने का अनुरोध, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने हालिया समय में देशभर के कई हिस्सों में हुई सांप्रदायिक हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन के अनुरोध को खारिज कर दिया है।
वकील विशाल तिवारी ने इस संबंध में याचिका दायर करते हुए दिल्ली के जहांगीरपुरी समेत अन्य राज्यों में हुई सांप्रदायिक हिंसा की जांच न्यायिक आयोग से कराने का अनुरोध किया था।
जस्टिस एल नागेश्वर राव और बीआर गवई की बेंच ने उनकी याचिका का खारिज किया।
आदेश
ऐसी राहत मात मांगों जो ये कोर्ट नहीं दे सकता- बेंच
बेंच ने याचिका पर कहा, "आप पूर्ण मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच चाहते हैं? क्या कोई फ्री है? ये किस तरह की राहत है। ऐसी राहत मत मांगों जो ये कोर्ट नहीं दे सकता।"
याचिका में दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात में हुई सांप्रदायिक हिंसा के साथ-साथ कई राज्यों में चल रहे 'बुलडोजर न्याय' का भी जिक्र किया गया है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि ऐसी भेदभावपूर्ण कार्रवाई लोकतंत्र और कानून के राज की अवधारणा में फिट नहीं बैठती।
पृष्ठभूमि
10 अप्रैल को रामनवमी के मौके पर हुई थी कई राज्यों में हिंसा
बता दें कि 10 अप्रैल को रामनवमी के मौके पर देश के कई हिस्सों से सांप्रदायिक हिंसा की खबरें सामने आई थीं। मध्य प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल और झारखंड के कई इलाकों में शोभायात्रा पर पथराव के बाद हिंसा भड़क गई थीं।
गुजरात में हिंसा के दौरान के एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि मध्य प्रदेश के खरगोन में भी एक शख्स की मौत हुई।
फिलहाल इन सभी मामलों की जांच की जा रही है।
जहांगीरपुरी हिंसा
16 अप्रैल को दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई सांप्रदायिक हिंसा
इस हिंसा के लगभग एक हफ्ते बाद 16 अप्रैल को दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के मौके पर निकाली जा रही शोभायात्रा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी।
शोभायात्रा वालों का कहना है कि मुस्लिम इलाके से निकलने पर उन पर पत्थर फेंके गए, जिसके बाद ये हिंसा हुई। वहीं मुस्लिमों का कहना है कि शोभायात्रा में शामिल लोगों ने मस्जिद पर भगवा झंडा फहराने की कोशिश की।
हिंसा में पुलिसकर्मियों समेत लगभग 10-12 लोग घायल हुए थे।
बुलडोजर न्याय
हिंसा के बाद जहांगीरपुरी में चला बुलडोजर, मध्य प्रदेश में भी हुई कार्रवाई
जहांगीरपुरी में इस हिंसा के बाद उत्तर दिल्ली नगर निगम (NDMC) ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर हिंसाग्रस्त इलाके में बुलडोजर चलाया था और कई दुकानों और मकानों को गिरा दिया था।
इससे पहले मध्य प्रदेश और गुजरात में भी ऐसी कार्रवाई हुई थी और हिंसा के आरोपियों के घर गिरा दिए गए थे। उत्तर प्रदेश में पहले से ही ऐसी कार्रवाई होती हुई आ रही हैं।
इनमें से अधिकांश मामलों में मुस्लिम पक्ष के ही घर गिराए गए।