कोरोना का कोहराम: दिल्ली के छह निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म, मरीज भर्ती करने पर रोक
देश में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के कोहराम के बीच अस्पतालों में आई ऑक्सीजन के किल्लत ने हालातों को बेहद गंभीर बना दिया है। पिछले दो दिनों से ऑक्सीजन की कमी से जूझ रही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के छह निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म हो गई है। इसके अलावा कई अन्य अस्पतालों में महज कुछ घंटे की ऑक्सीजन बची है। ऐसे में इन अस्पतालों में भर्ती कोरोना मरीज सांसों के लिए तरस रहे हैं।
इन अस्पतालों में खत्म हुई ऑक्सीजन
NDTV के अनुसार दिल्ली सरकार ने अस्पतालों की सूची जारी करते हुए बताया कि राठी अस्पताल, सेंटोम अस्पताल, सरोज सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, शांति मुकुंद अस्पताल, तीरथ राम शाह अस्पताल, UK नर्सिंग होम में ऑक्सीजन खत्म हो गई है। यहां जैसे-तैसे छोटे ऑक्सीजन सिलेंडरों का इंतजाम कर मरीजों की जान बचाने की कोशिशें चल रही हैं। इसके अलावा हॉली फैमिली अस्पताल में सिर्फ 2.5 घंटे की ऑक्सीजन बची है। इस अस्पताल को बुधवार को ऑक्सीजन की कमी से जूझना पड़ा था।
शांति मुकुंद अस्पताल ने मुख्य द्वार पर चिपकाया नोटिस
पूर्वी दिल्ली में 200 बेड वाले शांति मुकुंद अस्पताल प्रशासन ने मुख्य द्वार पर नोटिस चिपका दिया है। इसमें लिखा है, 'हमें खेद है कि हम अस्पताल में मरीजों की भर्ती रोक रहे हैं क्योंकि ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो रही है।' अस्पताल के CEO सुनील सग्गर ने कहा, "अस्पताल ऑक्सीजन किल्लत से प्रभावित है। हमने डॉक्टरों से डिस्चार्ज किए जाने सकने वाले मरीजों को छुट्टी देने का अनुरोध किया है। हमारे यहां करीब दो घंटे की ऑक्सीजन बची है।"
"हम डॉक्टर हैं जो मरीजों को जीवन देते हैं"
सग्गर ने भावुक होते हुए कहा, "हम छोटे ऑक्सीजन सिंलेंडरों से काम चला रहे हैं। अस्पताल में फिलहाल 110 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं और 12 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। इनमें से 85 मरीजों को प्रति मिनट करीब पांच लीटर ऑक्सीजन सप्लाई की जरूरत पड़ रही है।" उन्होंने कहा, "हम डॉक्टर हैं जो मरीजों को जीवन देते हैं, लेकिन आज हम उन्हें इलाज तो क्या ऑक्सीजन तक नहीं दे पा रहे हैं। ऐसा ही चलता रहा तो मरीज मर जाएंगे।"
काफी प्रयासों के बाद भी नहीं मिल रही है ऑक्सीजन- अधिकारी
अस्पताल के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि काफी प्रयास करने के बावजूद अस्पताल को कहीं से भी ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है। ऐसे में अस्पताल प्रशासन मरीजों को दूसरे अस्पतालों में बेड खोजने में भी मदद कर रहे हैं। यह बड़ी मजबूरी है।
ऑक्सीजन नहीं मिली तो जा सकती है कई मरीजों की जान- सरोज अस्पताल
इधर, रोहिणी स्थित सरोज अस्पताल भी ऑक्सीजन की किल्लत से जूझ रहा है। अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो रही है। बैकअप भी अधिक समय तक नहीं चल पाएगा। वर्तमान में अस्पताल में भर्ती 120 मरीजों में से 70 को ऑक्सीजन की जरूरत है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अस्पताल में समय पर ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं की गई तो कई मरीजों की जान जा सकती है। वह हालातों के आगे बेबस हैं।
केंद्र ने बुधवार को बढ़ाया था दिल्ली का ऑक्सीजन कोटा
बता दें कि दिल्ली सरकार की मांग पर केंद्र सरकार ने बुधवार को राजधानी का ऑक्सीजन कोटा 378 मीटि्रक टन प्रतिदिन से बढ़ाकर 480 मीटि्रक टन कर दिया था। हालांकि, दिल्ली में 700 मीटि्रक टन की मांग है। यही कारण रहा कि कुछ शीर्ष अस्पतालों को रात भर ताजा ऑक्सीजन स्टॉक मिला, कई अस्पतालों ने शिकायत की कि उन्हें कोई मदद नहीं मिली। इसके चलते कई अस्पतालों को दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा था।
भीख मांगो या चोरी करो, लेकिन ऑक्सीजन की आपूर्ति करो- दिल्ली हाई कोर्ट
अस्पतालों के दिल्ली हाई कोर्ट की शरण में जाने के बाद हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई और पूछा कि आखिर वह वास्तविकता का सामना क्यों नहीं कर रही है। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने तल्ख टिप्पणी करते हुए केंद्र सरकार से कहा, "आप भीख मांगो या चोरी करो या फिर कुछ भी करो, लेकिन अस्पतालों को ऑक्सीजन सप्लाई करो। ऑक्सीजन की कमी से लोग मर रहे हैं और हम लोगों को मरते हुए नहीं देख सकते हैं।"
सुप्रीम कोर्ट ने लिया मामले में संज्ञान
इधर, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार से ऑक्सीजन, आवश्यक दवाओं, वैक्सीनेशन और लॉकडाउन पर अपनी योजना प्रस्तुत करने के लिए कहा है। इसके साथ कोर्ट ने मामले की सुनवाई शुक्रवार के लिए निर्धारित की है।
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 3,14,835 नए मामले सामने आए और 2,104 मरीजों की मौत हुई। ये देश में एक दिन में सामने आए सबसे ज्यादा मामले और मौतें हैं। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,59,30,965 हो गई है। इनमें से 1,84,657 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या 22 लाख के आंकड़े को पार करके 22,91,428 हो गई है।