देश के 25,000 से अधिक गांव मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी से वंचित- सरकार
क्या है खबर?
देश में मोबाइल यूजर्स की संख्या बढ़कर 116.3 करोड़ हो गई है, लेकिन देश में 25,000 से अधिक ऐसे गांव हैं, जहां मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है।
इनमें से 10,000 से अधिक गांव 11 राज्यों के उन 90 जिलों में पड़ते हैं, जो नक्सलवाद से प्रभावित हैं। बता दें कि देश में लगभग छह लाख गांव हैं।
राज्यवार देखें तो ओडिशा में कनेक्टिविटी से वंचित गांवों की संख्या सर्वाधिक है।
केंद्र ने संसद को यह जानकारी दी है।
मोबाइल और इंटरनेट
कई राज्यों के सभी गांवों में पहुंची कनेक्टिविटी
इंडिया टुडे के अनुसार, केंद्र सरकार ने लोकसभा को बताया कि जिन 25,000 गांवों में अभी मोबाइल और इंटरनेट नहीं पहुंचा है, उनमें से सर्वाधिक ओडिशा (6,099) में है। इसके बाद मध्य प्रदेश के 2,612 और महाराष्ट्र के 2,328 गांव अभी तक कनेक्टिविटी से दूर हैं।
दूसरी तरफ दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, पुडुचेरी, केरल, दादर और नगर हवेली, दमन और दीव ऐसे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश हैं, जहां हर गांव में मोबाइल और इंटरनेट पहुंच चुका है।
कनेक्टिविटी
सरकार ने कैसे इकट्ठा किया डाटा?
देश के गांवों में मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी का पता लगाने के लिए रविशंकर प्रसाद के IT मंत्रालय ने टेलीकॉम कंपनियों से गांवों के हिसाब से डाटा जुटाने को कहा था।
इस डाटा में पता चलता है कि 2011 की जनगणना के अनुसार देश में कुल 5,97,618 गांव है, जिनमें से 5,72,551 गांवों में पिछले साल तक मोबाइल और इंटरनेट पहुंच चुके थे।
अभी भी 25,067 ऐसे गांव हैं, जहां मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी का पहुंचना बाकी है।
कनेक्टिविटी
ये है नक्सल प्रभावित जिलों का हाल
गृह मंत्रालय के अनुसार, देश में 11 राज्यों के 90 जिले नक्सलवाद से प्रभावित हैं।
इन 90 जिलों में कुल 96,794 गांव पड़ते हैं, जिनमें से 85,894 कनेक्टिविटी से जुड़ चुके हैं और 10,900 गांव अभी जुड़ने बाकी हैं।
हालांकि, पश्चिम बंगाल और केरल के क्रमश: 489 और 262 गांव नक्सल प्रभावित इलाके में हैं, लेकिन यहां मोबाइल और इंटरनेट कनेक्टिविटी मौजूद है।
कनेक्टिविटी से वंचित ओडिशा के अधिकतर गांव (5,419) नक्सल प्रभावित इलाके में हैं।
टेलीफोन
गांवों और शहरों में कम हो रहा टेलीफोन कनेक्टिविटी में अंतर
इसी महीने टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने टेलीफोन और ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी का डाटा जारी किया था।
इससे पता चलता है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीफोन की संख्या में अंतर धीरे-धीरे कम हो रहा है।
दिसंबर-जनवरी के बीच जहां शहरों में टेलीफोन यूजर्स की संख्या 64.7 करोड़ से बढ़कर 65.3 करोड़ हुई, वहीं इसी दौरान गांवों में यह संख्या 52.5 से बढ़कर 53 करोड़ हो गई। दोनों इलाकों में क्रमश: 0.83 और 0.81 प्रतिशत का इजाफा हुआ।