पैन कार्ड नहीं है तो अब इनकम टैक्स फ़ाइल करने के लिए करें आधार का इस्तेमाल
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को अपना और केंद्र सरकार का पहला बजट पेश किया। अन्य बातों के बीच ही वित्त मंत्री ने घोषणा की कि परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) और आधार कार्ड का इस्तेमाल अब एक दूसरे के बदले में किया जा सकता है। इसका मतलब है कि अगर आपके पास पैन कार्ड नहीं है, तब भी आप अपना आधार नंबर बताकर टैक्स रिटर्न फ़ाइल कर सकते हैं। आइए विस्तार से जानें।
बजट भाषण में सीतारमण ने दिया पैन-आधार इंटरचेंजिबिलिटी का प्रस्ताव
सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, "करदाताओं की आसानी और सुविधा के लिए मैं पैन और आधार को विनिमेय बनाने का प्रस्ताव रखती हूँ। जिनके पास पैन नहीं है, वो केवल आधार नंबर बताकर इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल कर सकते हैं।"
अब जहाँ पैन अनिवार्य है, वहाँ करें आधार का इस्तेमाल
वर्तमान समय में आपको इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करने के लिए पैन की जानकारी देना आवश्यक है। इसके अलावा पैन का आधार से लिंक होना भी ज़रूरी है। लेकिन अब नए नियम के अनुसार, आपके आधार नंबर को इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके साथ ही ऐसी सेवाओं के लिए भी उसका इस्तेमाल हो सकता है, जहाँ पैन अनिवार्य है, जैसे सोना बेचना या ख़रीदना आदि।
कराधान (टैक्सेशन) की आसानी और अनुपालन को बढ़ना है उद्देश्य
इस क़दम का उद्देश्य कर अनुपालन में सुधार करना और करदाताओं के बीच इनकम टैक्स रिटर्न फ़ाइल करने को आसान और सुविधाजनक बनाना है। इसके अलावा आयकर विभाग के अनुसार, एक फ़्रेश पैन कार्ड का एक पूर्ण आवंटन उन करदाताओं के लिए किया जाएगा, जो केवल आधार का इस्तेमाल करके अपना टैक्स रिटर्न फ़ाइल करते हैं। यह दोनों दस्तावेज़ों (अभी भी अनिवार्य) के लिंकेज की सुविधा प्रदान करेगा।
आधार-पैन लिंकेज के बावजूद हो सकता है आपका पैन निष्क्रिय
नए नियमों के तहत, यह भी प्रस्तावित है कि यदि कोई व्यक्ति अपनी आधार संख्या को अंतरंग करने में विफल रहता है, तो उसे आवंटित पैन को इस तरह के लिंकिंग के लिए अधिसूचित तिथि के बाद निर्धारित तरीके से निष्क्रिय किया जाएगा।
आधार को लेकर आम लोगों में भ्रम
आधार के प्रमाणीकरण से संबंधित 26 सितंबर, 2018 के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद सेवाओं के संबंध में आम लोगों में काफ़ी भ्रम पैदा हो गया है कि कहाँ आधार ज़रूरी है और कहाँ इसकी ज़रूरत नहीं है। बैंक खाते, दूरसंचार सेवाओं और स्कूल प्रवेश/प्रवेश परीक्षा जैसी सेवाओं के लिए आधार अब अनिवार्य नहीं है। हालाँकि पैन कार्ड बनवाने, इनकम टैक्स रिटर्न दाख़िल करने और सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए यह अब भी ज़रूरी है।