अगर आधार के लिए डाला दबाव तो लगेगा 1 करोड़ का जुर्माना और काटनी होगी जेल
क्या है खबर?
आधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।
सरकार ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट और भारतीय टेलिग्राफ एक्ट में संशोधन किया है।
नियमों में बदलाव के बाद अब किसी भी नागरिक के लिए बैंक या सिम कार्ड कंपनियों को आधार कार्ड देना जरूरी नहीं होगा।
अगर कोई बैंक या सिम कार्ड कंपनी आप पर आधार देने के लिए दवाब बनाती है तो उस पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
नियम
क्या है नए नियम
सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में आधार कार्ड पर अहम फैसला दिया था। इस फैसले के बाद केंद्र सरकार ने नियमों में कुछ बदलाव किये हैं।
अब पहचान और पते के प्रमाण के लिए आधार कार्ड देने का दबाव नहीं बनाया जा सकता।
अगर कोई बैंक या कंपनी ऐसा करती है तो उसके कर्मचारियों को तीन से 10 साल तक की सजा हो सकती है। साथ ही कंपनी पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
जानकारी
डाटा लीक होने पर 10 साल तक की सजा
नियमों के मुताबिक, आधार ऑथेंटिकेशन करने वाली कोई संस्था अगर डाटा लीक को दोषी पाई जाती है तो उस पर 50 लाख रुपये तक का जुर्माना और 10 साल तक की सजा हो सकती है। इन संशोधनों को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है।
फैसला
सुप्रीम कोर्ट का आधार पर फैसला
इसी साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने बहुमत से फैसला सुनाते हुए कहा था कि आधार नंबर संवैधानिक रूप से वैध है।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि मोबाइल और निजी कंपनी आधार नहीं मांग सकती। साथ ही कोर्ट ने आधार को बैंक खाते और मोबाइल से लिंक करने के फैसले को भी रद्द कर दिया था।
इसके अलावा कहा गया था कि CBSE, UGC, NIFT और दूसरे कॉलेज आधार की मांग नहीं कर सकते।