निर्भया मामला: एक दोषी ने दायर की क्यूरेटिव पिटिशन, अब आगे क्या?
क्या है खबर?
निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड में फांसी की सजा पाए चार दोषियों में से एक विनय शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दायर की है। उसने डेथ वारंट पर रोक की भी मांग की है।
बता दें कि दिल्ली की पटिलाया हाउस कोर्ट ने मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय सिंह समेत चारों दोषियों के खिलाफ 7 जनवरी को डेथ वारंट जारी किया था।
इसमें चारों को 22 जनवरी को फांसी पर लटकाने का आदेश दिया गया है।
जानकारी
पटिलाया हाउस कोर्ट के फैसले में बताई खामियां
विनय ने अपनी याचिका में कहा है कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने फांसी देने के लिए 22 जनवरी की तारीख तय करने वाला जो फैसला दिया है, उसमें कई खामिया हैं। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इस पर सुनवाई होगी या नहीं।
क्यूरेटिव पिटिशन
दोषियों को मिला था दो सप्ताह का समय
पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों को क्यूरेटिव पिटिशन और दया याचिका दायर करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था। अब दोषियों के वकील एपी सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन लगाई है।
एपी सिंह ने 7 जनवरी को कहा था कि वो इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही क्यूरेटिव पिटिशन दायर करेंगे।
उन्होंने कहा था कि इस मामले में मीडिया, लोगों और राजनीतिक दबाव था, जिस वजह से जांच में पक्षपात हुआ है।
जानकारी
क्या होती है क्यूरेटिव पिटिशन?
अदालत के किसी फैसले को चुनौती देने के लिए रिव्यू पिटिशन दायर की जाती है। इस पर आए फैसले से अगर कोई पक्ष संतुष्ट नहीं है तो वह क्यूरेटिव पिटिशन दायर कर सकता है।
इसमें याचिकाकर्ता को बताना होता है कि फैसले को किस आधार पर चुनौती दी जा रही है। इसमें उन बिंदुओं को चिन्हित किया जाता है जिस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
इस पर फैसला आने के बाद सारे कानूनी रास्ते बंद हो जाते हैं।
आगे की कार्रवाई
अब आगे क्या होगा?
पटिलाया हाउस कोर्ट ने इन चारों की फांसी के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की है।
अब सबकी नजरें सुप्रीम कोर्ट पर टिक गई है। यह देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई होती है या नहीं।
अगर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार होती है तो सुनवाई पूरी होने तक फांसी टल जाएगी।
वहीं अगर याचिका खारिज हो जाती है तो 22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी दिए जाने का विकल्प बचा रहेगा।
क्यूरेटिव पिटिशन
चार में से केवल एक दोषी ने दायर की याचिका
चारों दोषियों में से अभी केवल एक ने क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की है। बाकी तीन के पास अभी तक क्यूरेटिव पीटिशन दायर करने के लिए अदालत का दिये समय में अभी लगभग एक सप्ताह बाकी है।
ऐसे में हो सकता है कि ये दोषी अपनी फांसी को आगे खिसकाने के लिए अंतिम समय में सुप्रीम कोर्ट जाने का प्रयास करे, जिससे इस मामले में थोड़ा समय और लिया जा सके और 22 जनवरी की तारीख निकल जाए।
विकल्प
राष्ट्रपति के पास जाने का विकल्प भी खुला
डेथ वारंट जारी होने के बाद भी इन दोषियों के पास राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर करने का विकल्प भी बचा हुआ है।
दोषी फांसी की सजा से माफी पाने के लिए राष्ट्रपति के पास याचिका लगा सकते हैं।
अगर ये राष्ट्रपति के पास याचिका भेजते हैं तो इसका निपटारा होने तक इन्हें फांसी नहीं दी जा सकती।
वहीं अगर तय समय से पहले याचिका नहीं भेजी गई तो इन्हें 22 जनवरी को फांसी दे दी जाएगी।
तिहाड़ जेल
फांसी देनी की तैयारियों में जुटा है जेल प्रशासन
निर्भया के साथ हैवानियत करने वाले ये चारों दरिंदे दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है। इन्हें यहीं फांसी होनी है।
डेथ वारंट जारी होने के बाद जेल प्रशासन इन्हें फांसी देने की तैयारियों में जुट गया है। जेल में पहले एक कुआं और एक फांसी का तख्त था। अब एक और कुआं और तख्त तैयार किया गया है।
जेल अधिकारियों ने बताया कि पहले एक साथ दो दोषियों को फांसी देने का इंतजाम था, जिसे अब बढ़ाया गया है।