अयोध्या: नसीरुद्दीन-शबाना समेत 100 मुस्लिम हस्तियों का बयान- पुनर्विचार याचिका से मुस्लिमों को होगा नुकसान
क्या है खबर?
नसीरुद्दीन शाह और शबाना आजमी समेत 100 जानी-मानी मुस्लिम हस्तियों ने अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का विरोध किया है।
पुनर्विचार याचिका दायर करने का विरोध करने वाली हस्तियों में इस्लामी विद्वान, कारोबारी, सामाजिक कार्यकर्ता, शायर, अभिनेता, थिएटर कलाकार और दूसरे लोग शामिल हैं।
इनका कहना है कि अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका इस विवाद को जिंदा रखेगी और इससे मुसलमानों को नुकसान होगा।
बयान
इन हस्तियों की तरफ से जारी बयान में क्या कहा गया है?
हस्तियों की तरफ जारी बयान में कहा गया है, "हम इस तथ्य पर भारतीय मुस्लिम समुदाय, संवैधानिक विशेषज्ञों और धर्मनिरपेक्ष संगठनों की नाखुशी को साझा करते हैं कि देश की सर्वोच्च अदालत ने अपना निर्णय करने के लिए कानून के ऊपर आस्था को रखा है।"
इसमें आगे कहा गया है, "हम इस बात से सहमति रखते हैं कि फैसला न्यायिक रूप से त्रुटिपूर्ण है, लेकिन हमारा मानना है कि अयोध्या विवाद को जीवित रखना भारतीय मुसलमानों को नुकसान पहुंचाएगा।"
जानकारी
इन हस्तियों ने दिया अपना समर्थन
बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, अभिनेत्री शबाना आजमी, पत्रकार जावेद अहमद, हैदराबाद के सामाजिक कार्यकर्ता आरिज अहमद, वकील एजे जवाद और लेखक अंजुम राजाबली आदि प्रमुख नाम है।
अयोध्या भूमि विरोध
अयोध्या पर क्या रहा था सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने फैसला सुनाते हुए विवादित भूमि का मालिकाना हक रामलला विराजमान को सौंप दिया था।
कोर्ट ने कहा कि सरकार अगले तीन महीनों में एक ट्रस्ट का गठन करेगी, जो मंदिर निर्माण की योजना बनाएगा।
इसके साथ ही कोर्ट ने फैसले में सरकार को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया।
पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह फैसला सुनाया था।
पुनर्विचार याचिका
सुप्रीम कोर्ट के फैसले खिलाफ पुनर्विचार याचिका कौन दे रहा है?
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) और जमीयत उलेमा-ए-हिंद (अरशद मदनी गुट) ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने का फैसला लिया है।
बोर्ड के सचिव जिलानी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला पहली नजर में अनुचित लगता है।
जिलानी ने कहा था कि वरिष्ठ वकील राजीव धवन बोर्ड की तरफ से पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे। धवन पहले भी सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्षकारों के वकील थे।