टेरर फंडिंग मामले में पांच अलगाववादी नेताओं के खिलाफ चार्जशीट, पाकिस्तान उच्चायोग का नाम भी शामिल
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकवाद और दूसरी घटनाओं के जरिए केंद्र सरकार के खिलाफ जंग छेड़ने की साजिश रचने के आरोप में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के नेता यासीन मलिक समेत पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। लगभग 3,000 पन्नों की इस चार्जशीट में पाकिस्तान उच्चायोग का नाम भी शामिल है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान उच्चायोग ने घाटी में अशांति फैलाने के लिए अलगाववादी नेताओं को आर्थिक मदद मुहैया करवाई थी।
यासीन मलिक की हुई अदालत में पेशी
NIA ने 2017 के एक टेरर फंडिंग केस में यासीन मलिक को शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया। मलिक को आतंकी वारदातों के लिए पैसा जुटाने, विदेशों से हवाला के जरिए रकम लेने के आरोप में अप्रैल में गिरफ्तार किया था। इस पैसे का इस्तेमाल आतंकी वारदातों, सुरक्षाबलों पर पथराव करवाने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और देश के खिलाफ जंग छेड़ने के लिए इस्तेमाल करने का आरोप है। मामले की अगली सुनवाई 23 अक्तूबर को होगी।
मलिक के अलावा चार्जशीट में इन नेताओं के नाम
लगभग 3,000 पन्ने की इस चार्जशीट में NIA ने मलिक के अलावा आसिया अंद्राबी, शब्बीर शाह और मसरत आलम भट को नामजद किया है। इनके अलावा पूर्व विधायक राशिद इंजीनियर को भी आरोपी बनाया गया है।
पाकिस्तान उच्चायोग की भूमिका का भी जिक्र
जांच एजेंसी ने चार्जशीट में बताया कि मलिक और शब्बीर शाह के बीच कुछ ऐसी चैट और ईमेल मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि इन्हें पाकिस्तान समेत दूसरे देशों से फंड मिला है। इसमें कहा गया है कि मलिक घाटी में अशांति फैलाने के लिए विदेशों से पैसा लेता था। इस बात के भी पर्याप्त सबूत मिले हैं कि पाकिस्तान उच्चायोग अलगाववादियों का समर्थन कर उन्हें आर्थिक मदद उपलब्ध करवा रहा था।
पाकिस्तानी एजेंसियों की मदद से रची साजिश
NIA ने अपनी चार्जशीट में दावा किया कि पांचों आरोपियों ने एक-दूसरे के साथ मिलकर हिंसक प्रदर्शनों, बड़े स्तर पर हड़ताल और बंद की साजिश रची थी ताकि प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा जाए और लोगों को इससे मोहभंग हो जाए। इसमें कहा गया कि पाकिस्तानी एजेंसियों की मदद से रची साजिश के तहत हुर्रियत नेता, आतंकवादी और पत्थरबाज घाटी में आतंकी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। इनके मंसूबे जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने के हैैं।