प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी को किया याद, जानिए क्या कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर उनको याद करते हुए ब्लॉग लिखा है, जिसमें उनके सुशासन और व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला है। प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, "मैं वो दिन नहीं भूलता जब उन्होंने मुझे अपने पास बुलाकर अंकवार में भर लिया था...और जोर से पीठ में धौल जमा दी थी। वो स्नेह...वो अपनत्व...वो प्रेम...मेरे जीवन का बहुत बड़ा सौभाग्य रहा। आज का दिन भारतीय राजनीति, भारतीय जनमानस के लिए सुशासन का अटल दिवस है।"
देश को स्थिरता और सुशासन का मॉडल दिया- मोदी
प्रधानमंत्री ने लिखा, "21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के लिए उनकी NDA सरकार ने जो कदम उठाए, उसने देश को नई दिशा, नई गति दी। 1998 में उन्होंने प्रधानमंत्री का पद संभाला था, उस समय पूरा देश राजनीतिक अस्थिरता से घिरा था। 9 साल में 4 बार लोकसभा चुनाव हुए थे। लोगों को शंका थी कि ये सरकार भी उनकी उम्मीदों को पूरा नहीं करेगी। ऐसे समय में अटलजी ने, देश को स्थिरता और सुशासन का मॉडल दिया।"
नहीं रही सत्ता की लालसा- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, "अटल जी में सत्ता की लालसा नहीं थी। 1996 में उन्होंने जोड़-तोड़ की राजनीति ना चुनकर, इस्तीफा देने का रास्ता चुन लिया। राजनीतिक षड्यंत्रों के कारण 1999 में उन्हें सिर्फ एक वोट के अंतर के कारण पद से इस्तीफा देना पड़ा। कई लोगों ने उनसे इस तरह की अनैतिक राजनीति को चुनौती देने के लिए कहा, लेकिन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी शुचिता की राजनीति पर चले। अगले चुनाव में उन्होंने मजबूत जनादेश के साथ वापसी की।"
सत्ता और विचारधारा में विचारधारा को चुना- मोदी
मोदी ने लिखा, "अटल जी ने भाजपा की नींव तब रखी, जब कांग्रेस जैसी पार्टी का विकल्प बनना आसान नहीं था। जब भी सत्ता और विचारधारा के बीच एक को चुनने की स्थितियां आईं, उन्होंने इस चुनाव में विचारधारा को खुले मन से चुन लिया। वो देश को ये समझाने में सफल हुए कि कांग्रेस के दृष्टिकोण से अलग एक वैकल्पिक वैश्विक दृष्टिकोण संभव है। ऐसा दृष्टिकोण वास्तव में परिणाम दे सकता है।"
अटल बिहारी के कार्यों को किया याद
मोदी ने लिखा कि अटल बिहारी के नेतृत्व में देश को प्रौद्योगिकी, टेलीकम्यूनिकेशन और दूरसंचार की दुनिया में तेजी से आगे बढ़ाया और स्वर्णिम चतुर्भुज योजना ने देश के महानगरों को एक सूत्र में जोड़ा। उन्होंने लिखा कि सर्व शिक्षा अभियान की बात होती है तो अटल जी को जरूर याद किया जाता है, उन्होंने शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता माना। साथ ही 11 मई, 1998 में पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण कर उन्होंने सबको चौंका दिया था।
अटल बिहारी वाजपेयी थे बड़े राजनेता और कवि
25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर में जन्मे अटल जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में थे। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ जुड़े और 1996 में पहली बार भारत के प्रधानमंत्री बने थे। अन्य दलों ने जब भाजपा से समर्थन वापस ले लिया, तो 13 दिनों में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। वह 1998 और 1999 में भी दूसरे और तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री बने। राजनेता के अलावा वह एक कवि भी थे। उनका निधन 16 अगस्त, 2018 को हुआ था।