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मुंबई ट्रेन धमाका: हाई कोर्ट ने 19 साल बाद 12 आरोपियों को बरी किया, जानिए कारण
बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई ट्रेन धमाकों के 12 आरोपियों काे बरी किया

मुंबई ट्रेन धमाका: हाई कोर्ट ने 19 साल बाद 12 आरोपियों को बरी किया, जानिए कारण

Jul 21, 2025
10:39 am

क्या है खबर?

बॉम्बे हाई कोर्ट ने 2006 को हुए भयावह मुंबई लोकल ट्रेन में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में सोमवार को चौंकाने वाला फैसला सुनाते हुए 12 आरोपियों को बरी कर दिया। मामले में साल 2015 में एक निचली अदालत ने इन 12 आरोपियों को दोषी ठहराया था और उनमें से 5 को मौत की सजा और 7 आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बरी किए गए आरोपियों में एक की अपील प्रक्रिया के दौरान ही मौत हो गई थी।

कारण

हाई कोर्ट ने आरोपियों को क्यों किया बरी?

जस्टिस अनिल किलोर और जस्टिस श्याम चांडक की विशेष पीठ ने कहा, "आरोपियों के खिलाफ पेश किए गए सबूतों में गंभीर खामियां थीं। कुछ गवाह सालों तक चुप रहे और फिर अचानक आरोपियों की पहचान की गई, जो कि असामान्य है।" कोर्ट ने कहा, "कई गवाह ऐसे मामलों में पहले भी पेश हुए थे, जिससे उनकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हुए हैं। कथित RDX और अन्य सामग्री की बरामदगी को लेकर कोई पुख्ता वैज्ञानिक सबूत पेश नहीं किए गए।"

दलील

आरोप साबित करने में विफल रहा अभियोजन पक्ष- हाई कोर्ट

हाई कोर्ट ने कहा, "इस पूरे मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित करने में पूरी तरह विफल रहा है। यह मानना मुश्किल है कि आरोपियों ने ही यह अपराध किया है। इसलिए, उनकी दोषसिद्धि रद्द की जाती है।" कोर्ट ने कहा, "गवाही, जांच और सबूत पुख्ता नहीं थे। आरोपी यह साबित करने में सफल रहे कि उनसे जबरदस्ती कबूलनामे लिए गए थे। हमने अपना कर्तव्य निभाया है। यह हमारी जिम्मेदारी थी।"

पेशी

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए आरोपी

मामले की अहम सुनवाई में सभी 11 आरोपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नासिक, नागपुर और पुणे की जेलों से प्रस्तुत हुए। कोर्ट के फैसले के बाद सभी की आंखों में आंसू नजर आए। किसी ने भी बरी होने की खुशी का इजहार नहीं किया। वरिष्ठ अधिवक्ता युग मोहित चौधरी कहा, "यह फैसला उनके लिए उम्मीद की किरण है, जो सालों से न्याय का इंतजार कर रहे थे।" इधर, सरकारी वकील राजा ठकारे ने भी फैसले को मार्गदर्शक करार दिया है।

प्रकरण

क्या है मुंबई ट्रेन धमाकों का मामला?

11 जुलाई, 2006 को मुंबई लोकल ट्रेनों में 11 मिनट के अंदर 7 बम विस्फोट हुए थे। इनके लिए प्रेशर कुकर का इस्तेमाल किया गया था। पहला धमाका शाम 6:24 बजे हुआ और आखिरी शाम 6:35 बजे हुआ। ये धमाके चर्चगेट से चलने वाली ट्रेनों के प्रथम श्रेणी डिब्बों में माटुंगा रोड, माहिम जंक्शन, बांद्रा, खार रोड, जोगेश्वरी, भयंदर और बोरीवली स्टेशनों के पास हुए थे। इन धमाकों में 189 लोगों की मौत हुई थी और 827 घायल हुए थे।

कार्रवाई

पुलिस ने क्या की थी कार्रवाई?

मुंबई ATS ने मामले में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA) के साथ UAPA की धाराओं में 13 लोगों को गिरफ्तार किया, जबकि 15 अन्य फरार बताए। इनमें से कुछ पाकिस्तान में होने की बात कही गई। साल 2015 में विशेष अदालत ने 12 आरोपियों को दोषी ठहराया था, जिनमें 5 को फांसी और 7 को आजीवन कारावास की सजा दी गई थी। आरोपियों ने अपनी सजा और दोषसिद्धि को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में अपील दायर की थी।