बॉम्बे हाई कोर्ट ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नाम बदलने को सही बताया, याचिका खारिज
क्या है खबर?
महाराष्ट्र की बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर और धाराशिव करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले को सही बताया।
लाइव लॉ के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र उपाध्याय और न्यायाधीश आरिफ एस डॉक्टर की खंडपीठ ने नाम बदलने को लेकर जारी राज्य सरकार की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया।
याचिकाओं में औरंगाबाद-उस्मानाबाद के साथ-साथ राजस्व क्षेत्रों (जिला, उप-मंडल, तालुका, गांवों) के नाम बदलने को चुनौती दी गई थी।
फैसला
कोर्ट ने क्या कहा?
लॉ ट्रेंड के मुताबिक, पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि महाराष्ट्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना जायज थी और इसमें किसी तरह के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं थी।
बता दें कि जनहित याचिकाओं में तर्क दिया गया था शहरों का नाम बदलना राजनीतिक उद्देश्य के लिए किया गया था और यह धार्मिक कलह को बढ़ावा देता है।
महाराष्ट्र सरकार ने कोर्ट में इस तर्क का खंडन किया था।
परिवर्तन
उद्धव ठाकरे की सरकार ने बदला था नाम
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में बनी महा विकास अघाड़ी (MVA) की सरकार ने जून, 2022 में अपनी अंतिम कैबिनेट बैठक में औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने को हरी झंडी दी थी।
इसके बाद आई एकनाथ शिंदे की सरकार ने औरंगाबाद के नए नाम संभाजीनगर में छत्रपति को जोड़कर इसे छत्रपति संभाजीनगर कर दिया था।
इसके बाद फरवरी, 2023 को केंद्र सरकार ने छत्रपति संभाजीनगर और धाराशिव के नामों को मंजूरी दे दी।