छत्तीसगढ़: गैंगरेप के बाद पत्थरों से कुचलकर नाबालिग और उसके दो परिजनों की हत्या
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक 16 वर्षीय नाबालिग के गैंगरेप और इसके बाद उसके और उसके परिवार के दो अन्य सदस्यों की पत्थरों और डंडों से हत्या का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीड़िता चार दिन तक जंगल में ही पड़ी रही और इस दौरान उसकी सांसें चलती रहीं। बाद में अस्पताल ले जाते वक्त उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है।
मुख्य आरोपी के यहां मवेशी चराने का काम करता था पीड़ित परिवार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीड़ित परिवार कोरबा जिले के देवपहरी गांव का रहने वाला है और वे सभी पिछले साल जुलाई से मुख्य आरोपी संतराम मंझवार के यहां मवेशी चराने का काम कर रहे थे। 29 जनवरी को संतराम ने काम न होने की बात कहकर उनसे घर जाने को बोल दिया, जिसके बाद वे पैदल ही अपने गांव के लिए निकल पड़े। थोड़ी देर बाद संतराम उनके पास पहुंचा और बाइक से घर छोड़ने की बात कहने लगा।
दो अलग-अलग बाइकों पर घर के लिए रवाना हुआ परिवार
संतराम के कहने पर पीड़ित नाबालिग का पिता अपनी बेटी और चार साल की नातिन के साथ संतराम की बाइक पर बैठ गया, वहीं अपनी पत्नी और डेढ़ साल के बेटे को एक दूसरी बाइक पर बैठा दिया। इसके बाद संतराम रास्ते में करोई गांव में रुका और वहां शराब पी ली। इसके बाद बाकी आरोपी भी उसके साथ आ गए और वे सभी तीनों पीड़ितों को गढ़ उपरोड़ा गांव के पास मौजूद जंगल से घिरी पहाड़ी पर ले गए।
आरोपियों ने पहले किया नाबालिग का गैंगरेप, फिर की हत्या
यहां जंगल में आरोपियों ने पहले नाबालिग का गैंगरेप किया और फिर डंडों और पत्थरों से कुलचकर तीनों पीड़ितों की हत्या कर दी।हत्या करने के बाद वे तीनों को जंगल में ही छोड़कर चले गए। दूसरी तरफ जब काफी देर तक पिता-पुत्री और नातिन काफी देर तक घर नहीं पहुंचे तो पीड़िता की मां और अन्य परिजनों ने उन्हें ढूढ़ना शुरू कर दिया। जब उन्होंने संतराम से पूछा तो उसने उन्हें गांव के पास छोड़कर जाने की बात कही।
घटनास्थल पर जिंदा मिली पीड़िता, अस्पताल ले जाते वक्त तोड़ा दम
जब पुलिस घटनास्थल पर पहुंची तो उसे पीड़िता घायल अवस्था में जिंदा मिली, जबकि अन्य दो पीड़ितों की पहले ही मौत हो चुकी थी। पीड़िता को तत्काल स्थानीय अस्पताल से जाया गया, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। पुलिस के अनुसार, पीड़ित पहाड़ी कोरवा आदिवासी समुदाय से संबंध रखते हैं जो विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों (PVTG) में आते हैं। आरोपियों पर IPC के अलावा SC/ST कानून और POCSO कानून की धाराएं भी लगाई गई हैं।
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने कबूला गुनाह
चार दिन तक ढूढ़ने के बाद भी जब लापता सदस्यों का कुछ नहीं पता चला तो पीड़िता का भाई मंगलवार को लेमरू पुलिस स्टेशन पहुंचा और उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस हरकत में आई और संतराम समेत सभी छह आरोपियों को हिरासत में ले उनसे पूछताछ की। पूछताछ में आरोपियों ने अपना गुनाम कबूल कर लिया और उनके बयान के आधार पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची।