मंकीपॉक्स: बेंगलुरू में गाइडलाइंस जारी, 21 दिन आइसोलेशन में रखे जाएंगे संक्रमित
क्या है खबर?
देश और दुनिया मंकीपॉक्स के प्रसार के बीच कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में इससे संबंधित गाइडलाइंस जारी की गई हैं।
राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की तरफ जारी की गई गाइडलाइंस में एयरपोर्ट, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर स्क्रीनिंग का प्रावधान किया गया है।
इसके अलावा मंकीपॉक्स से संक्रमित पाए गए लोगों को 21 दिन तक आइसोलेशन में रखने का निर्देश भी दिया गया है।
संक्रमण से स्वास्थकर्मियों के बचाव की व्यवस्था भी की गई है।
गाइडलाइंस
गाइडलाइंस में क्या कहा गया है?
स्वास्थ्य विभाग ने अपनी गाइडलाइंस में जोनल स्वास्थ्य अधिकारियों को उनके क्षेत्र में आने वाले हर एयरपोर्ट, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर स्क्रीनिंग टीम तैनात करने को कहा है।
मंकीपॉक्स के हर संदिग्ध मामले की स्क्रीनिंग करने और अस्पताल आधारित सर्विलांस और टारगेटेड सर्विलांस दोनों के जरिए उनका टेस्ट करने का निर्देश भी दिया गया है।
खतरे वाली जगहों पर काम कर रहगे स्वास्थ्यकर्मियों को संक्रमण से बचाने के लिए पर्याप्त कदम उठाने को भी कहा गया है।
संदिग्ध मामला
दो दिन पहले बेंगलुरू में सामने आया था मंकीपॉक्स का संदिग्ध मामला
बता दें कि दो दिन पहले ही बेंगलुरू में मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मामला सामने आया था।
दरअसल, बेंगलुरू एयरपोर्ट पर इथोपिया के नागरिक में मंकीपॉक्स से संक्रमण जैसे लक्षण देखे गए थे। हालांकि जब उसका टेस्ट किया गया तो उसे चिकनपॉक्स से संक्रमित पाया गया जो मंकीपॉक्स जैसे वायरस से ही होता है।
कर्नाटक में अभी तक मंकीपॉक्स का एक भी मामला सामने नहीं आया है, हालांकि प्रशासन फिर भी सावधान बना हुआ है।
भारत में मंकीपॉक्स
भारत में अब तक मंकीपॉक्स के सात मामले
बता दें कि भारत में अब तक मंकीपॉक्स के सात मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से पांच मामले केरल में सामने आए हैं, वहीं दो मामले देश की राजधानी दिल्ली में पकड़ में आए हैं।
केरल में पांचवां मामला आज सामने आया और 27 जुलाई को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से लौटे मलप्पुरम के एक शख्स को मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया है।
केरल में मंकीपॉक्स से एक शख्स की मौत भी हुई है।
परिचय
क्या है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स एक जूनोटिक (एक प्रजाति से दूसरी प्रजाति में फैलने वाली) बीमारी है। ये बीमारी मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमण के कारण होती है जो पॉक्सविरिडाइ फैमिली के ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से आता है।
ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस में चेचक (स्मालपॉक्स) और काउपॉक्स बीमारी फैलाने वाले वायरस भी आते हैं।
साल 1958 में रिसर्च के लिए तैयार की गईं बंदरों की बस्तियों में यह वायरस सामने आया था और इससे पॉक्स जैसी बीमारी होना पाया गया था।