प्रेरणादायक: पहले तैयार की देश की पहली कोरोना वायरस टेस्टिंग किट, फिर दिया बेटी को जन्म
क्या है खबर?
भारत में कोरोना वायरस (COVID-19) के लगातार बढ़ते मामलों के बीच यह सवाल भी उठाया जा रहा है कि यहां कम लोगों के टेस्ट हो रहे हैं।
इसी बीच भारत में बनी पहले कोरोना वायरस की टेस्टिंग किट बाजार में आने के बाद यह उम्मीद जगी है कि अब यहां ज्यादा लोगों के टेस्ट हो सकेंगे और समय रहते इस महामारी के संक्रमण पर रोक लग सकेगी, लेकिन क्या आप इसे बनाने वाली महिला के बारे में जानते हैं?
कोरोना वायरस
किसने बनाई है टेस्टिंग किट?
पुणे स्थित मायलैब डिस्कवरी भारत की पहली कंपनी है जिसकों यह किट बनाने और बेचने की अनुमति मिली है।
यहां से दिल्ली, मुंबई, गोवा और बेंगलुरू के 150 लैब्स में यह किट पहुंच चुकी है।
HIV, हैपेटाइटिस B और C के लिए टेस्टिंग किट बनाने वाली कंपनी का कहना है वह एक सप्ताह में एक लाख किट सप्लाई कर सकती है। हर किट से 100 सैंपल टेस्ट किए जा सकते हैं और इसकी लागत विदेशों किट से काफी कम है।
जानकारी
पहले किट तैयार की फिर दिया बेटी को जन्म
किट के बारे में आपने जान लिया। अब किट तैयार करने वाली उस वायरोलॉजिस्ट के बारे में जानते हैं, जो अपने बच्चे को जन्म देने से कुछ घंटों पहले तक इस किट को तैयार करने में जुटी रही।
टेस्टिंग किट
मिनल की टीम ने रिकॉर्ड समय में तैयार की किट
मायलैब की रिसर्च और डेवेलेपमेंट प्रमुख वायरोलॉजिस्ट मिनल देखावे भोसले बताती हैं, "हमारी किट 2-2.30 घंटे में सैंपल का टेस्ट बता देती है जबकि विदेशी किट इसी काम के लिए 6-7 घंटे लेती है।"
पाथो डिटेक्ट के नाम से किट तैयार करने वाली टीम की प्रमुख मिनल ने कहा कि यह 3-4 महीने की जगह महज छह सप्ताह में तैयार की गई है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
प्रोजेक्ट
फरवरी में शुरू हुआ था किट पर काम
मिनल ने 18 मार्च को यह किट तैयार कर जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) भेजी और अगले दिन अपनी बेटी को जन्म दिया।
उन्होंने फरवरी में इस किट पर काम शुरू किया था। इससे कुछ दिन पहले ही वो गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य संबंधी परेशानी आने के कारण अस्पताल में भर्ती हुई थीं।
मिनल ने बताया, "यह इमरजेंसी थी। मैंने इसे चुनौती के तौर पर लिया। मुझे देश की सेवा करनी थी।"
हौसला
मिनल ने अस्पताल जाने से पहले मंजूरी के लिए भेजी किट
18 मार्च को मिनल को सीजेरियन के लिए अस्पताल ले जाया गया। उससे कुछ घंटों पहले ही उन्होंने किट को कमर्शियल मंजूरी दिलाने के लिए इंडियन FDA और CDSCO को भेजा था।
बीबीसी से बात करते हुए कंपनी के डायरेक्टर डॉक्टर गौतम वानखेड़े ने बताया, "हमारे पास समय कम था। हमारी इज्जत दांव पर लगी थी। हमें पहली बार में ही सब कुछ करना था। यह सब मिनल की देखरेख में हो रहा था।
सफलता
परफेक्ट है मिनल की बनाई किट
मिनल ने अपनी किट को 'परफेक्ट' बताया है। उन्होंने कहा, "अगर आप एक सैंपल के 10 टेस्ट करते हैं तो सभी के नतीजे एक समान आने चाहिए। हमने यह कर दिखाया है। हमारी किट परफेक्ट है।
इस किट को मंजूरी देते हुए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कहा कि मायलैब भारत की एकमात्र ऐसी कंपनी है जो 100 प्रतिशत परिणाम हासिल करने में सफल रही है।