नागरिकता विवादः SC ने रद्द की राहुल गांधी के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर दायर की गई याचिका को रद्द कर दिया है। यूनाइटेड हिंदू फ्रंट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि राहुल गांधी ब्रिटिश नागरिक हैं इसलिए उन्हें चुनाव लड़ने से रोका जाए। याचिका को रद्द करते हुए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने याचिकाकर्ताओं को कहा कि अगर किसी कागज में राहुल को ब्रिटिश नागरिक बताया गया है तो क्या वो ब्रिटेन के नागरिक हो गए।
यह था याचिकाकर्ताओं का आरोप
याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि इंग्लैंड और वेल्स के रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज में बैकॉप्स लिमिटेड द्वारा दायर किए दस्तावेजों में राहुल को इंग्लैंड का नागरिक बताया गया है। इसलिए उनके चुनाव लड़ने पर रोक होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट से राहुल को राहत
कोर्ट में दी गईं ये दलीलें
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने कहा कि राहुल गांधी ने अपनी दोहरी नागरिकता छुपाई है। कोर्ट ने उनसे पूछा कि उन्हें इसका कैसे पता चला। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि ब्रिटेन की एक कंपनी के दस्तावेज से खुलासा हुआ कि राहुल गांधी ब्रिटिश पासपोर्ट धारक हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर विदेशी कंपनी के दस्तावेज लाकर आप ऐसा दावा कर रहे हैं, तो आप गलत हैं। इसलिए यह याचिका खारिज की जाती है।
नागरिकता को लेकर गृह मंत्रालय ने राहुल को भेजा है नोटिस
पिछले महीने के अंत में गृह मंत्रालय ने नागरिकता को लेकर उठे सवालों के बीच राहुल गांधी को नोटिस जारी किया था। मंत्रालय ने राहुल को 15 दिन के अंदर नागरिकता पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मंत्रालय के पास राहुल के ब्रिटिश नागरिक होने की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद यह नोटिस जारी किया गया है। इससे पहले अमेठी से नामांकन के समय भी राहुल की नागरिकता पर सवाल उठे थे।
स्वामी का आरोप, ब्रिटिश कंपनी के दस्तावेजों में राहुल ब्रिटिश नागरिक
राज्यसभा सांसद स्वामी ने अपनी शिकायत में कहा है कि राहुल ब्रिटेन की एक कंपनी के निदेशक हैं और इस कंपनी के सालाना रिटर्न में राहुल ने खुद को ब्रिटेन का नागरिक बताया है। स्वामी पहले भी गांधी परिवार पर बड़े आरोप लगाते रहे हैं।
पहले भी ऐसी याचिका खारिज कर चुका है सुप्रीम कोर्ट
ये पहली बार नहीं है जब स्वामी ने राहुल की नागरिकता पर सवाल उठाए हैं। 2015 के अंत में उन्होंने इन इन्हीं सबूतों के आधार पर उनके ब्रिटिश नागरिक होने की शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की थी। वहीं, इन्हीं सबूतों के आधार पर वकील एमएल शर्मा ने नवंबर 2015 में सुप्रीम कोर्ट में राहुल की नागरिकता की CBI जांच कराने के लिए याचिका दायर की थी। कोर्ट ने सबूतों पर सवाल उठाते हुए याचिका का खारिज कर दिया था।
ये थी स्वामी की शिकायत
मीडिया में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक "स्वामी ने शिकायत की है कि बैकॉप्स लिमिटेड नामक कंपनी को 2003 में यूनाइटेड किंगडम (UK) में रजिस्टर्ड किया गया था और आप उसके निदेशकों में शामिल हैं और कंपनी के सचिव हैं।।" शिकायत में आगे कहा गया है कि कंपनी के 2 सालाना रिटर्न में राहुल ने खुद को ब्रिटिश नागरिक बताया था। मंत्रालय ने जवाब देने के लिए उन्हें 15 दिन का समय दिया है।
अमेठी से नामांकन में भी उठा नागरिकता का सवाल
इन्हीं सबूतों के आधार पर अमेठी से निर्दलीय प्रत्याशी ध्रुवलाल मनोहर ने राहुल के ब्रिटिश नागरिक होने का दावा करते हुए उनके नामांकन को खारिज करने की मांग की थी। हालांकि निर्वाचन अधिकारी ने जानकारी को सही पाया और नामांकन को वैद्य घोषित कर दिया।