मणिपुर हिंसा: इंटरनेट सेवा आंशिक तौर पर बहाल, मोबाइल इंटरनेट अभी भी बंद रहेगा
क्या है खबर?
मणिपुर में जातीय हिंसा की शुरुआत के करीब ढाई महीने बाद यहां आंशिक रूप से इंटरनेट सेवा अब बहाल कर दी गई है।
मंगलवार को राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया, "जिन लोगों के पास ब्रॉडबैंड कनेक्शन हैं, वह सीमित तरीके से इंटरनेट का प्रयोग कर सकते हैं। मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध जारी रहेगा।"
राज्य में 3 मई को कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा भड़कने के बाद इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
आदेश
सरकार ने अपने आदेश में क्या कहा?
सरकार ने अपने आदेश में कहा, "स्थिर IP के अलावा किसी अन्य कनेक्शन की अनुमति नहीं है। अगर कोई उपभोक्ता किसी अन्य कनेक्शन का उपयोग करते हुए पाया जाता है तो इसके लिए सेवा प्रदाता को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।"
जब किसी डिवाइस को एक स्थिर IP एड्रेस दिया जाता है तो पता नहीं बदलता है। ज्यादातर डिवाइस डायनेमिक IP एड्रेस का उपयोग करते हैं, जिसकी निगरानी आसान नहीं होती है, वहीं स्थिर IP की निगरानी संभव है।
सेवा
लोग अभी सोशल मीडिया का नहीं कर सकेंगे उपयोग
राज्य में आंशिक इंटरनेट पर प्रतिबंध हटने के बावजूद भी किसी भी वाई-फाई हॉटस्पॉट की अनुमति नहीं है। इसके अलावा लोग सोशल मीडिया भी नहीं चला सकेंगे।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि इंटरनेट उपभोक्ताओं को वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) सॉफ्टवेयर हटा देना चाहिए और नया इंस्टॉल नहीं करना चाहिए।
यह VPN अक्सर इंटरनेट उपभोक्ताओं की ऑनलाइन पहचान छिपाते हैं, जिससे किसी की ऑनलाइन गतिविधियों की निगरानी मुश्किल हो जाती है।
इंटरनेट
इंटरनेट से आंशिक प्रतिबंध हटने से राहत की उम्मीद
राज्य सरकार द्वारा इंटरनेट पर से आंशिक प्रतिबंध हटाए जाने से लोगों को थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। मणिपुर में पिछले ढाई महीने से इंटरनेट पर प्रतिबंध के कारण वित्तीय सेवाएं काफी प्रभावित हुई हैं। राजधानी इम्फाल समेत कई इलाकों में ऑनलाइन लेन-देन नहीं हो पा रहा है।
इसके अलावा राज्य में इंटरनेट पर प्रतिबंध के चलते कई छात्र-छात्राएं ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे। इनमें से कई छात्र ऐसे हैं, जो बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट इंटनेट प्रतिबंध पर जता चुका है चिंता
इस साल मणिपुर में पहली बार इंटरनेट पर पाबंदी 28 अप्रैल, 2023 को चुराचांदपुर और फिरजॉल जिलों में लगाई गई थी। 3 मई को भड़की जातीय हिंसा के बाद राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में ब्रॉडबैंड और मोबाइल इंटरनेट दोनों को निलंबित कर दिया था।
19 जुलाई को मणिपुर का एक वीडियो वायरल होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया था कि इंटरनेट पर प्रतिबंध के कारण इस तरह घटनाओं की रिपोर्टिंग भी बाधित हुई है।