मणिपुर के कुकी-जो समुदाय की केंद्र को चुनौती, कही अपना अलग प्रशासन बनाने की बात
मणिपुर के कुकी-जो जनजातियों के एक संगठन ने दावा किया है कि वो अपने प्रभुत्व वाले इलाकों में अपना अलग 'स्वशासित प्रशासन' स्थापित करने के लिए तैयार हैं, भले ही केंद्र उन्हें मान्यता दे या न दे। पहाड़ी-बहुमत कुकी समूह इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) का बयान म्यांमार की सीमा से लगे राज्य में महीनों तक चली जातीय हिंसा के बाद सामने आया है। बता दें, हाल ही में केंद्र सरकार ने 9 मैतेई उग्रवादी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया था।
मांग नहीं मानी तो जल्द ही करेंगे स्वशासन की स्थापना- कुकी समुदाय
ITLF के महासचिव मुआन टॉम्बिंग ने चुराचांदपुर जिले में एक विरोध प्रदर्शन के बीच संवाददाताओं से कहा, "6 महीने से अधिक समय हो गया है और मणिपुर सरकार से अलग प्रशासन की हमारी मांग के संबंध में कोई कदम नहीं उठाया गया।" महासचिव ने आगे कहा, "अब यदि कुछ हफ्तों के भीतर हमारी आवाज नहीं सुनी गई तो हम अपनी स्वशासन की स्थापना करेंगे। चाहे जो भी हो। केंद्र इसे माने या न माने, हम आगे बढ़ेंगे।"
10 विधायकों ने भी की मणिपुर से अलग करने की मांग- रिपोर्ट
टॉम्बिंग ने कहा, "एक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की तरह, हम एक स्वशासन स्थापित करेंगे, जो कुकी-जो क्षेत्रों में सभी मामलों को देखेगी। हमें ऐसा करना होगा क्योंकि हमारी आवाज नहीं सुनी जा रही है।" NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, सत्तारूढ़ भाजपा के 10 आदिवासी विधायकों ने भी मणिपुर को पूरी तरह से अलग करने की मांग की है। विधायकों ने कहा है कि राज्य सरकार पर घाटी-बहुसंख्यक मैतेई समुदाय का वर्चस्व है।
कुकी समुदाय ने हत्या की जांच की मांग के लिए किया विरोध-प्रदर्शन
ITLF ने अलग प्रशासन की अपनी मूल मांग और कुकी जनजाति के 22 लोगों की हत्या की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) या राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जांच कराने का अनुरोध के लिए आज चुराचांदपुर में विरोध प्रदर्शन किया। ITLF के प्रवक्ता गिन्जा वुअलजोंग ने कहा, "कुकी-जो समुदाय के सदस्यों की कई क्रूर हत्याएं हुई हैं, लेकिन CBI या केंद्रीय एजेंसियां इसकी जांच नहीं कर रहीं। यह रैली कुकी-जो लोगों के खिलाफ किए गए अत्याचारों के विरोध में है।"
मई से मणिपुर में जारी है हिंसा
बता दें कि मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय ने गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को आदिवासी का दर्जा दिए जाने के खिलाफ एकजुटता मार्च निकाला था, जिसके बाद मणिपुर में हिंसा भड़क गई थी। यहां तभी से बहुसंख्यक मैतेई और आदिवासी कुकी समुदाय में संघर्ष जारी है और गृह युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है। मणिपुर हिंसा में अब तक करीब 180 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हुए हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
केंद्र सरकार ने सोमवार को मणिपुर के मैतेई के उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबेरशन आर्मी (PLA) समेत 9 उग्रवादी संगठनों को गैरकानूनी घोषित किया था। गृह मंत्रालय ने इन सगठनों की अलगाववादी, विध्वंसक, आतंकवादी और हिंसक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए इन्हें गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित किया। सरकार का मानना है कि ये सुरक्षाबलों, पुलिस और नागरिकों पर हमलों और हत्याओं के साथ-साथ भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा हैं।