मणिपुर में हिंसा के बीच कुकी संगठनों ने की AFSPA को बहाल करने की मांग
मणिपुर में जारी हिंसा के बीच कुकी संगठनों ने इंफाल घाटी समेत कई क्षेत्रों में दोबारा सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम (AFSPA) बहाल करने की मांग की है। आदिवासी समुदाय ने कांगपोकपी जिले में विरोध-प्रदर्शन करते हुए AFSPA बहाल करने के साथ-साथ असम राइफल्स को हटाने की मांग की। गौरतलब है कि मणिपुर में शुक्रवार को कुछ दिनों की शांति के बाद उखरुल जिले में एक कुकी गांव में 3 लोगों की हत्या कर दी गई थी।
AFSPA हटने से मैतेई उग्रवादी हुए सक्रिय- कुकी संगठन
कुकी संगठन आदिवासी एकता समिति (COTU) ने मैतेई समूहों द्वारा आवश्यक वस्तुओं को कुकी क्षेत्रों तक पहुंचने से रोकने का आरोप लगाते हुए कांगपोकपी में NH-2 और NH-37 को अवरुद्ध करने की चेतावनी दी है। संगठन ने कहा, "इंफाल घाटी में AFSPA को हटा दिया गया है। इसके हटने से मैतेई उग्रवादी फिर से सक्रिय हो गए हैं। हम चाहते हैं कि इसे संपूर्ण इंफाल घाटी में दोबारा लागू कर दिया जाए।"
इंफाल में पूर्व लोकसभा सांसद के घर में लगाई गई आग
उखरुल में कुकी गांव में 3 लोगों की हत्या के कुछ घंटों बाद कुछ अज्ञात उपद्रवियों ने इंफाल के लाम्फेल क्षेत्र में पूर्व लोकसभा सांसद थांगसो बाइटे के घर में आग लगा दी। हालांकि, घटना के वक्त इमारत के अंदर कोई मौजूद नहीं था और कोई हताहत नहीं हुआ। हत्या और आगजनी की घटनाओं ने मणिपुर में 3 मई को शुरू हुई जातीय हिंसा के बीच हुई शांति को दोबारा भंग कर दिया है।
मणिपुर में कुकी गांव में हुई थी 3 लोगों की हत्या
मणिपुर में शुक्रवार को उखरुल जिले के थोवई कुकी गांव में गोलीबारी में 3 लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस ने कहा था कि हथियारबंद बदमाशों का एक समूह गांव के पूर्व में स्थित पहाड़ियों से गांव के पास आया और गांव के बाहर पहरा दे रहे ग्राम रक्षकों पर गोलीबारी शुरू कर दी थी। कुकी समुदाय के संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने हमले के लिए मैतेई लोगों को जिम्मेदार ठहराया था।
मणिपुर में फिलहाल कहां लागू है AFSPA?
AFSPA को 2004 में इंफाल नगर पालिका क्षेत्र को छोड़कर पूरे मणिपुर में लागू किया गया था। इसे पिछले साल अप्रैल में 6 जिलों के 15 पुलिस स्टेशनों से हटा दिया गया था, वहीं इस साल मार्च में इसे 4 और पुलिस स्टेशनों से हटा दिया गया था। बता दें कि मणिपुर में इंफाल समेत 6 जिलों 19 पुलिस स्टेशनों को छोड़कर सभी क्षेत्र वर्तमान में AFSPA के दायरे में हैं।
AFSPA के तहत सुरक्षाबलों को मिलते हैं विशेष अधिकार
सुरक्षाबलों को AFSPA के तहत कई विशेष अधिकार मिलते हैं। सुरक्षाबल कानून तोड़ने वाले किसी व्यक्ति पर बल प्रयोग कर सकते हैं और यहां तक कि गोली भी चला सकते हैं। हालांकि, ऐसा करने से पहले चेतावनी देना जरूरी है। इसके अलावा सैन्य बल बिना वारंट के किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकते हैं और तलाशी ले सकते हैं। सुरक्षाबलों के खिलाफ केंद्र सरकार की मंजूरी कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं हो सकता।