लद्दाख में शून्य से नीचे पहुंचा तापमान, भारत ने चीनी नौसेना पर किया ध्यान केंद्रित
पूर्वी लद्दाख में पहले हिमपात के बाद तापमान भी शून्य से नीचे पहुंच गया है। इससे यहां की स्थिति अब बहुत ही चुनौतीपूर्ण हो गई है। अमेरिका के बने बर्फ़ीले मुखौटों से लैस भारतीय सेना के जवानों ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के खिलाफ प्रमुख मोर्चों पर सर्दियों के लिए अपना ठिकाना मजबूत कर लिया है। इसके साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाकारों ने अब समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर दिया है।
PLA नौसेना से किसी भी खतरे का मुकाबला करने की तैयारी
मालाबार के तहत चार देशों का QUAD बहुपक्षीय अभ्यास अगले मंगलवार से शुरू हो रहा है। भारतीय सैन्य योजनाकारों ने हिंद महासागर में PLA नौसेना से किसी भी खतरे का मुकाबला करने के लिए पूर्वी नौसेना कमान और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के द्वीपीय क्षेत्रों और लक्षद्वीप को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का फैसला किया है। वेस्टर्न नेवल कमांड को कर्नाटक में करवर बेस के साथ अपनी ताकत फैलाने के लिए कहा गया है।
सुरक्षा मूल्यांकन में जताई PLA नौसेना से खतरे की चिंता
हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार भारतीय सैन्य योजनाकारों हिंद महासागर के लिए यह योजना सुरक्षा मुल्यांकन में आई एक रिपोर्ट पर बनाई है। इस रिपोर्ट में पाकिस्तान की नौसेना से समुद्री खतरे के बारे में चीन की PLA नौसेना के रास्ते पर चिंता व्यक्त की है। इस संदर्भ में राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाकार भविष्य में पूर्वी और पश्चिमी समुद्र में आक्रामक अभियानों के लिए एक और एंफीबियस ब्रिगेड (पानी और जमीन पर हमला करने में सक्षम) बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं।
भारत के पास मौजूद है एक एंफीबियस ब्रिगेड
वर्तमान में भारत के पास एक समर्पित एंफीबियस ब्रिगेड है, जिसके तत्व पोर्ट ब्लेयर में तिरुवनंतपुरम और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह कमान के बीच फैले हुए हैं। एंफीबियस फोर्सेज INS जलशवा जैसे लैंडिंग शिप टैंक (LST) जहाजों की शक्ति का इस्तेमाल करके समुद्र से एक जवाबी हमला करने में विशेषज्ञता प्राप्त है। सुरक्षा योजनाकार तिरुवनंतपुरम और विशाखापत्तनम या अंडमान-निकोबार द्वीप पर एक फुल ब्रिगेड की तैनाती पर विचार कर रहे हैं।
भारतीय नौसेना की परिचालन योजना के केंद्र में हैं द्वीप क्षेत्र
भारत के द्वीप क्षेत्र हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की परिचालन योजना के केंद्र में हैं। भारत स्वेज नहर और फारस की खाड़ी से दक्षिण-पूर्व और उत्तर एशिया के लिए मलक्का जलडमरूमध्य के प्रमुख शिपिंग लेन पर हावी हैं। ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस भारतीय वायु सेना सबसे खराब स्थिति में मलक्का, सुंडा या लोम्बार्ड के आसपास और किसी भी लक्ष्य पर हमला कर सकते हैं। हिंद महासागर से दक्षिण चीन सागर तक जाने के लिए यही प्रमुख रास्ते हैं।
मुंबई और विशाखापत्तनम पर केंद्रित है भारतीय नौसेना
द्वीप क्षेत्रों के रणनीतिक लाभ के बावजूद भारतीय नौसेना बड़े पैमाने पर मुंबई और विशाखापत्तनम पर केंद्रित है। ऑफिंग में सैन्य थिएटर कमांड के साथ AN द्वीप और लक्षद्वीप दोनों ही भारत की समुद्री हमले क्षमताओं का केंद्र बनने जा रहे हैं। लक्षद्वीप नौ डिग्री चैनल पर स्थित है, जो फारस की खाड़ी से पूर्वी एशिया के लिए सबसे सीधा मार्ग है। ऐसे में भारत और अमेरिका ने अमेरिकन इंडो-पैसिफिक, सेंट्रल कमांड और अफ्रीकी कमांड के साथ करार किया है।