केरल में बढ़ा कंठमाला रोग का प्रकोप, एक दिन में सामने आए 190 मामले
केरल में कंठमाला रोग का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। एक महीने के अंदर इसके 2,505 से अधिक मरीज सामने आ चुके हैं। 10 मार्च को एक दिन में 190 रोगी मिले। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने प्रकोप की पुष्टि करते हुए बताया कि राज्य में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र को सतर्क कर दिया गया है। इस साल अभी तक 2 महीने से कुछ अधिक समय में इसके कुल 11,467 मामले सामने आ चुके हैं।
मल्लपुरम और उत्तरी केरल के कई हिस्सों में प्रकोप ज्यादा
रिपोर्ट के मुताबिक, बीमारी के ज्यादातर मामले मलप्पुरम जिले और उत्तरी केरल के अन्य हिस्सों से सामने आ रहे हैं। इसके अलावा कर्नाटक के बेलगावी जिले के सवादत्ती यल्लम्मा शहर में कुछ हफ्ते पहले इस बीमारी से 84 लोगों के ग्रसित होने की सूचना मिली थी। इनमें अधिकतर बच्चे थे। रिपोर्ट के मुताबिक, कंठमाला के खिलाफ खसरा और रूबेला की वैक्सीन मौजूद हैं, लेकिन यह सरकार के सार्वभौमिक वैक्सीनेशन कार्यक्रम का हिस्सा नहीं है।
क्या है कंठमाला बीमारी?
कंठमाला, जिसे गलसुआ भी कहते हैं, वह पैरामाइक्सोवायरस के कारण होती है। यह संक्रमित व्यक्ति की लार, छींक और सांस के जरिए फैलता है। इसके लक्षण आने में 2 से 4 हफ्ते लगते हैं। आम तौर पर हल्का बुखार, सिरदर्द और बदन दर्द से इसकी शुरूआत होती है। रोग का सबसे विशिष्ट लक्षण लार ग्रंथियों में सूजन है, जो बच्चों में अधिक होती है। बच्चों को इससे बचाने के लिए कंठमाला-खसरा-रूबेला (MMR) टीका लगाया जाता है।