इन दवाइयों के लिए 1 अप्रैल से चुकाने होंगे ज्यादा पैसे, सरकार ने बढ़ाई कीमतें
क्या है खबर?
सरकार ने पहले से महंगाई की मार झेली रही जनता को एक और बड़ा झटका दिया है। ऐसे में 1 अप्रैल से 384 आवश्यक दवाओं और 1,000 से अधिक फॉर्मूलेशन की कीमतों में 11 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी होने जा रही है।
इसके लिए राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) की ओर से मंजूरी दे दी गई है।
आइए जानते हैं कि किन-किन दवाओं के लिए अब ज्यादा भुगतान करना पड़ेगा और यह महंगी क्यों हुई है।
क्यों
क्यों महंगी होंगी आवश्यक दवाइयां?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, थोक मूल्य सूचकांक (WPI) में वृद्धि के कारण दवाइयां महंगी हुई है। NPPA ने कहा कि WPI में साल 2022 में 12.12 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, जिसके बाद दवाओं की कीमत में 10.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई।
हर साल WPI के आधार पर ही आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची (NLEM) में सूचीबद्ध दवाओं की कीमतों में वृद्धि होती है। 1 अप्रैल से आवश्यक दवाओं की कीमतों में वृद्धि लागू होगी।
आवश्यक
क्या होती हैं आवश्यक दवाइयां?
देश की अधिकांश जनता जिन दवाओं का उपयोग करती है, उन्हें आवश्यक दवाओं का नाम दिया है। इन दवाओं को NLEM की सूची में रखा जाता है और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दवाओं को इस सूची में सूचीबद्ध किया जाता है।
इन आवश्यक दवाओं की सूची को साल 2022 में अपडेट किया गया था, जिसमें पैरासिटामोल से अतिरिक्त 384 दवाओं को शामिल किया गया है। इस सूची से गैस और एसिडिटी से संबंधित कुछ दवाओं को हटाया भी गया है।
महंगी
कौन-सी दवाइयां होंगी महंगी?
1 अप्रैल से जो आवश्यक सूची में शामिल दवाइयां महंगी होने जा रही है, उनमें एंटीबायोटिक, एंटी एलर्जिक, पेन किलर, हृदय रोग संबधी, विटामिन, शुगर, ब्लड प्रेशर सहित अन्य दवाएं शामिल हैं।
गौर हो कि दवाओं को आवश्यक सूची में तभी शामिल किया जाता है, जब वह अधिक असरदार होने के साथ सुरक्षित भी हो और उसके सेवन से मरीज को जल्दी आराम मिले। इसके अलावा, वह देश में उपभोक्ता को कहीं भी आसानी से प्राप्त हो सके।
स्वास्थ्य
दवाइयां महंगी होने पर क्या बोले स्वास्थ्य अधिकारी?
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि देश में आवश्यक दवाओं की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए यह वृद्धि की गई है, ताकि दवा निर्माताओं और उपभोक्ताओं को इसका परस्पर लाभ मिले सके और दवाओं की कीमत बढ़ाने से निर्माताओं को नुकसान नहीं होगा।
उन्होंने कहा, "बाजार में दवाओं की कोई कमी नहीं होगी और मंत्रालय की ओर से कीमतों को नियंत्रित तरीके से बढ़ने की अनुमति दी गई है।"