केरल विमान हादसा: अब तक 18 की मौत, जांच के लिए दो टीमें गठित
केरल में एयर इंडिया एक्सप्रेस विमान हादसे में अब तक दो पायलट समेत 18 लोगों की मौत हो गई है और कई गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। दुबई से कोझिकोड आ रही यह उड़ान IX-1344 शुक्रवार शाम 07:40 बजे कलीकट एयरपोर्ट पर उतरने के दौरान रनवे से आगे निकल गई और 30 फुट नीचे घाटी में गिर गई। राहत और बचाव अभियान देर रात तक चला। आइये, हादसे से जुड़ी बड़ी अपडेट पर एक नजर डालते हैं।
कैसे हुआ हादसा?
शुरुआती जानकारी में सामने आया है कि बारिश के कारण विमान रनवे से फिसलकर 30 फुट गहरे गड्ढे में गिर गया। इससे विमान दो टुकड़ों में बंट गया और अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। विमान कलीकट के रनवे 10 पर उतरा और इसके आखिर तक चलता गया और आगे जहां रनवे समाप्त होता है, वहां नीचे घाटी में गिर गया। कलीकट एयरपोर्ट पर भी मंगलुरू की तरह 'टेबल टॉप' रनवे है।
हादसे की जांच के लिए दो टीमें गठित
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने बताया कि हादसे के समय एयरपोर्ट पर दृश्यता लगभग 2000 मीटर थी और भारी बारिश हो रही थी। बारिश की वजह से विमान रनवे से फिसलकर नीचे गिरा है। वहीं नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि हादसे की जांच के लिए एयर इंडिया और एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया की दो टीमों का गठन किया गया है। एयर इंडिया ने भी इस हादसे पर दुख जताया है।
नौकरी जाने के कारण घर लौट रहे थे 26 यात्री
बीबीसी के मुताबिक, विमान में भारत लौट रहे यात्रियों में से 26 ऐसे थे, जिनकी कोरोना वायरस संकट के कारण नौकरी चली गई थी और 28 ऐसे थे, जिनका वीजा एक्सपायर हो गया था। इनके अलावा छह यात्री मेडिकल कारणों से भारत आ रहे थे और तीन शादी के लिए। वहीं 54 लोग ऐसे भी थे, जो घूमने के लिए दुबई गए थे, लेकिन कोरोना वायरस संकट के कारण वहीं फंस गए थे।
पायलट ने सूझबूझ से टाला बड़ा हादसा
विमान हादसे में सुरक्षित बचे लोग पायलट कैप्टन दीपक वसंत साठे की तारीफ कर रहे हैं, जो इस हादसे में अपनी जान गंवा बैठे। इन लोगों का कहना है कि उन्होंने अपनी सूझबूझ से विमान को आग की लपटों में झुलसने से बचा लिया। सुरक्षित बचे यात्रियों ने बताया कि बहादुर पायलटों और स्थानीय लोगों के कारण बड़ा हादसा टल गया। घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और उन्हें बाहर निकाल लिया।
"लैंडिंग से पहले पायलट ने दी थी चेतावनी"
हादसे में मामूली चोटों के साथ सुरक्षित बचे एक यात्री वी इब्राहिम ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, "तेज बारिश हो रही थी। पायलट ने लैंडिंग से पहले चेतावनी दी थी कि मौसम बहुत खराब है। उन्होंने दो बार सुरक्षित लैंडिंग की कोशिश, लेकिन नियंत्रण खो दिया। विमान रनवे पर उतरा औऱ फिसलता हुआ आगे जाकर दो हिस्सों में टूट गया। कई लोगों के लिए यह चमत्कार था कि उनकी जान बच गई।"
काझीकोड एयरपोर्ट के बाहर की ताजा वीडियो
एयरफोर्स में पायलट रह चुके थे कैप्टन दीपक वसंत साठे
हादसे का शिकार हुए विमान के कैप्टन दीपक वसंत साठे एयरफोर्स में पायलट रह चुके थे। एयरफोर्स में अपने 22 साल के सेवाकाल के दौरान उन्होंने मिग-21 विमान उड़ाया था। 59 वर्षीय साठे को 1981 में एयरफोर्स एकेडमी में 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया था। इसके अलावा वो नेशनल डिफेंस एकेडमी के छात्र भी रहे थे। साठे एक जानेमाने टेस्ट पायलट भी थे और उन्होंने कई युवा पायलटों का मार्गदर्शन किया था।