अर्द्धसैनिक बलों में हो सकती है ट्रांसजेंडर अधिकारियों की नियुक्ति, सरकार ने मांगी राय
क्या है खबर?
यदि सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों में ट्रांसजेंडर अधिकारी भी नजर आएंगे। केंद्र सरकार ने केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों में तीसरे जेंडर यानी ट्रांसजेंडर के खिलाफ भेदभाव को खत्म करने के लिए उन्हें भी इनमें शामिल करने का विचार किया है।
इसके लिए गृह मंत्रालय ने इस प्रस्ताव पर काम शुरू कर दिया है और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) से इस पर सुझाव मांगे हैं।
पत्र
गृह मंत्रालय ने बुधवार को CAPFs को भेजा पत्र
नेशनल हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार गृह मंत्रालय ने बुधवार को CAPFs को पत्र भेजकर 'केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सहायक कमांडेंट) परीक्षा 2020' के नियमों में पुरुष और महिला के साथ ट्रांसजेंडरों को शामिल करने पर अपने सुझाव देने के लिए कहा है।
पत्र में यह भी कहा गया है कि इस मामले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP), सशस्त्र सीमा बल (SSB), केंद्रीय औद्योगिक पुलिस बल (CISF) से अभी तक सुझाव नहीं मिले हैं।
योजना
सकारात्मक प्रतिक्रिया आने पर आवेदन फॉर्म में मिलेगी ट्रांसजेंडरों को जगह
गृह मंत्रालय के अनुसार संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा हर साल CAPFs असिस्टेंट कमांडेंट भर्ती परीक्षा आयोजित की जाती है।
इसके तहत CRPF, BSF, ITBP, CISF, SSB में ग्रुप-ए पदों पर नियुक्ति होती है। UPSC इस साल 18 अगस्त को नोटिफिकेशन जारी करेगी। यदि CAPFs की तरफ से सकारात्मक जवाब आता है तो उसे UPSC को भेजा जाएगा।
इसके बाद वह अपने आवेदन फॉर्म में थर्ड जेंडर के तौर पर ट्रांसजेडर को जगह देगी।
अधिनियम
जनवरी में पास किया गया था ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019
बता दें कि हाल ही में सरकार ने ट्रांसजेंडर समुदाय के उत्थान के लिए कई कदम उठाए हैं।
गत 17 मार्च को सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने लोकसभा में कहा था कि गत 10 जनवरी को ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 पास किया गया है।
ऐसे में इसके खंड 14 के तहत ट्रांसजेंडरों के लिए रोजगार, भर्तियों, प्रमोशन में उनके साथ होने वाले भेदभाव को खत्म किया जाएगा।
हकदार
राज्य मंत्री ने ट्रांसजेंडरों को बताया था अन्य श्रेणियों के समाम आरक्षण के हकदार
राज्य मंत्री कटारिया ने यह भी कहा था कि अधिनियम के तहत सभी ट्रांसजेंडर शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश और सरकारी नौकरियों के मामलों में अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के समान आरक्षण के हकदार हैं।
ऐसे में कोई भी विभाग या सरकार रोजगार और शिक्षा से संबंधित मामलों में ट्रांसजेंडरों के साथ भेदभाव नहीं बरत सकती है। उन्हें पूरा हक मिलना चाहिए।
जानकारी
सरकार ने सभी विभागों को दिए थे ट्रांसजेंडरों की अलग श्रेणी बनाने के निर्देश
राज्य मंत्री के बयान के बाद गत 20 अप्रैल को केंद्र सरकार ने सभी विभागों को ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत सिविल सेवा और अन्य पदों के लिये आवेदन पत्र में ट्रांसजेंडरों के लिए अगल श्रेणी बनाने के निर्देश दिए थे।