जम्मू-कश्मीर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किया जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन, जानिए फायदे और विशेषताएं
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (13 जनवरी) को जम्मू-कश्मीर के गंदेरबल जिले में बहुप्रतीक्षित जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन किया।
इसके साथ ही 2,700 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस सुंरग के जरिए श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच सालभर आवाजाही हो सुनिश्चित हो सकेगी।
उद्घाटन से पहले मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सुरंग का दौरा कर तैयारियों की समीक्षा की और सुरंग निर्माण में जुटे सभी इंजीनियरों और श्रमिकों को धन्यवाद दिया।
आइए सुरंग की सभी विशेषता जानते हैं।
ट्विटर पोस्ट
जेड-मोड़ सुरंग का हुआ उद्घाटन
#WATCH | Jammu & Kashmir: Prime Minister Narendra Modi inaugurates the Z-Morh tunnel in Sonamarg today.
— ANI (@ANI) January 13, 2025
CM Omar Abdullah and LG Manoj Sinha, Union Minister Nitin Gadkari are also present.
(Source: DD/ANI)#KashmirOnTheRise pic.twitter.com/GF7rwZaVn1
बयान
सुरंग विकास के नए रास्ते खोलेगी- उमर
सुरंग के उद्घाटन पर मुख्यमंत्री उमर ने कहा, "जेड-मोड़ सुरंग विकास के नए रास्ते खोलेगी। श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा आसान बनाएगी। सोनमर्ग जल्द ही शीतकालीन खेलों के गंतव्य के रूप में उभरेगा। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हैं।"
उन्होंने कहा, "अब हम जोजिला टनल के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं, जो कुछ वर्षों में कनेक्टिविटी को और बढ़ाएगी। अंतरराष्ट्रीय आयोजनों की मेजबानी करने के लिए हमें बुनियादी ढांचे को उन्नत करना होगा।"
आकार
अंग्रेजी शब्द 'Z' के आकार में किया गया है सुरंग का निर्माण
इस सुरंग की खास बात यह है कि यह अंग्रेजी के अक्षर 'Z' की तरह है, इसलिए इसे जेड-मोड़ सुरंग नाम दिया गया है।
समुद्र तल से 8,650 फीट की ऊंचाई पर बनी ये सुरंग 6.5 किलोमीटर लंबी है। यह गगनगीर को सोनमर्ग से जोड़ती है।
इस सुरंग से सोनमर्ग तक साल भर पर्यटकों की पहुंच हो सकेगी। वर्तमान में भारी बर्फबारी के चलते करीब 4 महीने यहां सोनमर्ग जाने का रास्ता बंद रहता है।
जानकारी
हर घंटे 1,000 वाहनों को संभाल सकती है सुरंग
इस सुरंग को 80 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार से हर घंटे 1,000 वाहनों को संभालने के लिए डिजाइन किया गया है। इस सुरंग का निर्माण न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (NATM) का उपयोग करके किया गया है। यह NH-1 श्रीनगर-लेह राजमार्ग का हिस्सा है।
खासियत
क्या है सुरंग की की प्रमुख खासियत?
इस सुरंग में बेहतरीन वेंटिलेशन सिस्टम, अग्नि सुरक्षा प्रणाली और आपात स्थिति के लिए एस्केप सुविधा दी गई है। सुरंग में कई क्रॉस गैलरी हैं, जिसका इस्तेमाल किसी दुर्घटना के दौरान किया जा सकता है।
परियोजना के तहत 10.8 मीटर चौड़ाई वाली एक मुख्य सुरंग, 7.5 मीटर चौड़ाई वाली एस्केप सुरंग, 8.3 मीटर चौड़ाई वाली वेंटिलेशन सुरंग, 110 मीटर और 270 मीटर लंबाई वाली 2 पुलिया और 30 मीटर लंबाई वाली एक छोटी पुलिया का निर्माण हुआ है।
महत्व
क्या है इस सुरंग का रणनीतिक महत्व?
जेड-मोड़ सुरंग रणनीतिक तौर पर भी काफी महत्वपूर्ण है। इससे श्रीनगर और कारगिल के बीच बिना रुकावट यात्रा पूरी होगी, जिसका सबसे बड़ा फायदा सैनिकों को होगा और वे लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में जल्द पहुंच पाएंगे।
इससे सीमा के नजदीक तक सुरक्षाबलों और रसद की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
इसके अलावा, सुरंग से मौजूदा 49 किलोमीटर की दूरी घटकर 43 किलोमीटर रह जाएगी और वाहन भी 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेंगे।
हमला
सुरंग के निर्माण में शामिल श्रमिकों पर हुआ था आतंकी हमला
पिछले साल 20 अक्टूबर को सुरंग में शामिल श्रमिकों पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 7 लोग मारे गए थे। मरने वालों में बड़गाम के एक डॉक्टर भी शामिल थे।
ये हमला तब हुआ था, जब सुरंग परियोजना पर काम कर रहे मजदूर और कर्मचारी शिविर में लौटकर खाना खाने की तैयारी कर रहे थे।
एक दिन बाद हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेजिस्टेंट फ्रंट (TRF) ने ली थी।