जम्मू-कश्मीर में पहली बार तैनात किए CRPF के कोबरा कमांडो, आतंकियों का करेंगे सफाया- रिपोर्ट
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में छठवें दिन भी आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ जारी है। आतंकियों को पकड़ने के लिए सुरक्षाबल दिन रात एक किए हुए हैं। इस बीच जम्मू-कश्मीर में पहली बार केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन (CoBRA) (हिंदी में कोबरा) के पहले बैच की तैनाती कर दी गई है। तैनाती के कारण अटकलें लगाई जा रही हैं कि जम्मू-कश्मीर में भी नक्सल विरोधी अभियानों के समान सुरक्षा अभियान चलाए जाएंगे।
अप्रैल में ट्रेनिंग के लिए जम्मू-कश्मीर लाए गए थे कोबरा कमांडो
तैनाती की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने न्यूज 18 को बताया, "कोबरा की इकाइयां, जो पहले बिहार और झारखंड में तैनात थीं, नक्सली हिंसा में कमी आने के बाद उन्हें वहां से आंशिक रूप से हटा दिया गया है और अप्रैल में ट्रेनिंग के लिए उन्हें जम्मू-कश्मीर के जंगलों में लाया गया था। यहां के जंगलों में उनकी ट्रेनिंग चली। उन्हें अभी तक किसी भी ऑपरेशन में उपयोग नहीं किया है, लेकिन अब उन्हें कुपवाड़ा में तैनात किया गया है।"
कोबरा कमांडो क्या हैं?
कोबरा CRPF की एक विशेष गुरिल्ला युद्ध कमांडो इकाई है, जिसके पास जंगलों में लड़ने की महारत है। 2008 से 2011 के बीच कुल मिलाकर 10 कोबरा इकाइयां स्थापित की गई थीं। अधिकांश इकाइयां देश के उत्तर-पूर्वी हिस्से में उग्रवाद और नक्सल विरोधी अभियानों के लिए नियुक्त की गई थीं। कोबरा और CRPF केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करते हैं। कोबरा कमांडोज में मानसिक और शारीरिक तौर पर बेहद मजबूत होते हैं।
जम्मू-कश्मीर में क्यों तैनात किए जा रहे कोबरा कमांडो?
एक अधिकारी ने कहा, "कोबरा की स्थापना ऐसे समय में की गई थी जब भारत की आंतरिक सुरक्षा को नक्सली हिंसा से खतरा था। उनके अभियानों से नक्सली हिंसा में कमी आई है। जब जंगल और पहाड़ी इलाकों में आतंकवादियों से निपटने की बात आती है तो ये सबसे माहिर नजर आते हैं। जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर की जगहें लगभग एक जैसी हैं और आने वाले समय में इसी तरह की जगहों पर इन्हें उपयोग में लाया जा सकता है।"
न्यूजबाइट्स प्लस
कोबरा कमांडों की तैनाती ऐसे समय में की गई है जब कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकरनाग में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सुरक्षाबलों के 3 अधिकारी और एक जवान शहीद हो चुके हैं। इनमें कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धौंचक, जम्मू-कश्मीर पुलिस के DSP हुमायूं भट और राइफलमैन रवि कुमार शामिल हैं। सुरक्षाबल इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चला रहे हैं और उन्हें आ एक आतंकी का जला हुआ शव बरामद हुआ है।