दिल्ली हाई कोर्ट ने CAG रिपोर्ट पर AAP सरकार को फटकारा, कहा- ईमानदारी पर शक
क्या है खबर?
दिल्ली हाई कोर्ट ने शराब नीति मामले पर आई महानियंत्रक लेखा परीक्षक (CAG) रिपोर्ट को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार को फटकारा है।
CAG की 14 रिपोर्ट को विधानसभा में न पेश किए जाने पर कोर्ट ने सरकारी की ईमानदारी पर संदेह जताया है।
कोर्ट ने कहा कि आपने जिस तरह अपने कदम पीछे खींचे हैं, उससे आपकी ईमानदारी पर शक पैदा है, आपको तुरंत रिपोर्ट स्पीकर को भेजकर सदन में चर्चा शुरू करनी चाहिए थी।
रिपोर्ट
मीडिया में लीक हो चुकी है 2 रिपोर्ट, भाजपा विधायक पहुंचे हैं हाई कोर्ट
दिल्ली में शराब नीति मामले को लेकर आई CAG की 2 रिपोर्ट मीडिया में लीक हो चुकी है। इसमें सरकार के राजस्व को 2,026 करोड़ रुपये नुकसान की बात कही गई है।
भाजपा विधायकों ने CAG रिपोर्ट विधानसभा में पेश करने की मांग को लेकर हाई कोई का दरवाजा खटखटाया है। मामले की सुनवाई सोमवार को 2:30 बजे होगी।
भाजपा विधायकों का कहना है कि 12 से अधिक CAG रिपोर्ट पिछले 2 साल से विधानसभा में लंबित हैं।
रिपोर्ट
CAG रिपोर्ट में क्या है?
CAG रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना के प्रतिबंधों के कारण खुदरा लाइसेंस धारकों को जनवरी 2022 के लाइसेंस शुल्क के रूप में 144 करोड़ रुपये की छूट बिना कैबिनेट मंजूरी के दी गई।
वार्डों में शराब की दुकान खोलने के लाइसेंस बांटे गए। यह फैसला उपराज्यपाल की मंजूरी के बगैर लिया गया। मंत्रियों के समूह ने विशेषज्ञों के सुझाव को भी अनदेखा किया।
शराब नीति की वजह से राज्य के राजस्व को भारी क्षति पहुंची है।
विवाद
क्या है शराब नीति विवाद?
दिल्ली सरकार ने नवंबर, 2021 में नई शराब नीति लागू की थी। इसमें शराब के ठेके निजी शराब कंपनियों को दिए गए थे।
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस नीति में भ्रष्टाचार की आशंका जताते हुए इसकी CBI से जांच कराने की सिफारिश की। बाद में ED भी जांच में शामिल हो गई।
आरोप है कि दिल्ली सरकार ने शराब कंपनियों से रिश्वत लेकर उन्हें नई नीति के जरिए लाभ पहुंचाया और शराब के ठेके दिए।
जानकारी
केजरीवाल हो चुके हैं गिरफ्तार
शराब नीति मामले में कथित घोटाले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत AAP के 3 बड़े नेता जेल गए थे। केजरीवाल 177 दिन, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया 510 दिन और सांसद संजय सिंह 181 दिन जेल में रहे। अभी तीनों जमानत पर हैं।