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JNU के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया ने भी तुर्की से तोड़ा शिक्षा समझौता
JNU के बाद जामिया ने तोड़ा तुर्की से करार

JNU के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया ने भी तुर्की से तोड़ा शिक्षा समझौता

लेखन गजेंद्र
May 15, 2025
05:43 pm

क्या है खबर?

भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच पाकिस्तान का साथ देने पर तुर्की का भारत में जोरदार विरोध चल रहा है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया ने भी तुर्की के साथ करार तोड़ दिया है। संस्थान ने एक्स पर लिखा, 'राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से, जामिया मिलिया और तुर्की सरकार से संबद्ध किसी भी संस्थान के बीच किसी भी समझौता ज्ञापन (MoU) को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक निलंबित कर दिया गया है। जामिया राष्ट्र के साथ खड़ा है।"

समझौता

JNU ने इनोनू विश्वविद्यालय से तोड़ा है करार

जामिया मिलिया से पहले देश की ख्याति प्राप्त JNU ने भी तुर्की के मालट्या स्थित इनोनू विश्वविद्यालय के साथ सभी प्रकार के अपने अकादमिक सहयोग को स्थगित कर दिया था। यह फैसला दोनों संस्थानों के बीच MoU के दोबारा समीक्षा के बाद उठाया गया। JNU ने राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी चिंताओं के चलते यह कदम उठाया है। कुलपति शांतिश्री धुलिपुरी ने बताया कि वर्तमान सेना प्रमुख और नौसेना प्रमुख JNU के पूर्व छात्र हैं और JNU देश के साथ खड़ा है।

फर्क

इससे क्या दिखेगा असर?

किसी भी देश के दूसरे देश के विश्वविद्यालय या शैक्षणिक संस्थान के साथ कई तरह के समझौते होते हैं, जिससे शिक्षा का विस्तार होता है। इससे फैकल्टी एक्सचेंज, स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम, कॉन्फ्रेंस, शोध के प्रोजेक्ट , सांस्कृतिक अनुसंधान और शैक्षणिक टूर जैसे कई सहयोग आपस में दिए जाते हैं। इसका फायदा शिक्षकों और छात्रों को होता है। लेकिन समझौता तोड़ने से अब किसी प्रकार की कोई गतिविधि दोनों विश्वविद्यालयों के बीच नहीं होगी।

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JNU की कुलपति का बयान

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जामिया मिलिया का पोस्ट